Covishield के इमरजेंसी इस्तेमाल पर DGCI का अंतिम फैसला बाकी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 02 Jan 2021 06:04:41 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 Covishield के इमरजेंसी इस्तेमाल पर DGCI का अंतिम फैसला बाकी, जानें कब शुरू होगा वैक्सीनेशन http://www.shauryatimes.com/news/96927 Sat, 02 Jan 2021 06:04:41 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=96927 नए साल की शुरुआत में देशवासियों को जल्द कोरोना वैक्सीन (Coronavaccine) की सौगात मिलने जा रही है। एक्पर्ट कमेटी की सिफारिश के बाद अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) को इसके इमरजेंसी इस्तेमाल पर अंतिम फैसला लेना है। इसके बाद ही भारत में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन शुरू होगा। शुक्रवार को डीजीसीआई की सब्जेक्ट एक्पर्ट कमेटी (एसईसी) ने की सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की सिफारिश की थी।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशिल्ड वैक्सीन के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford AstraZeneca) के साथ भागीदारी की है। ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस वैक्सीन को 30 दिसंबर को आपात इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान की थी। भारत में डीजीसीआई द्वारा कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने के बाद अगले हफ्ते कभी भी वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

वहीं, टीकाकरण से पहले आज पूरे देश में इसका पूर्वाभ्यास किया जा रहा है। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को पंजाब, गुजरात, असम और आंध्र प्रदेश में वैक्सीन देने का पूर्वाभ्यास सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। कोरोना के टीकाकरण अभियान के लिए पूरे देश में 96 हजार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वैक्सीन लगाने के लिए 83 करोड़ सीरिंज की जरूरत है।

सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा भारत बायोटेक और फाइजर ने भी अपनी-अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत के लिए आवेदन किया है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के अतिरिक्त डाटा का एसईसी विश्लेषण कर रहा और माना जा रहा है कि उसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देने की अनुशंसा कभी भी की जा सकती है।

उधर, डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और अब गरीब देशों को भी ये टीके उपलब्ध हो सकेंगे। अब तक ये टीके यूरोप और उत्तर अमेरिका में ही उपलब्ध थे। गौरतलब है कि इस टीके को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ समेत अनेक देश मंजूरी दे चुके हैं। इस टीके को बहुत ही कम तापमान पर रखना होता है जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

 

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