dr chandramohan on up government – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 12 Dec 2019 11:24:44 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 गन्ना किसानों को 76 हजार करोड़ का हुआ भुगतान! http://www.shauryatimes.com/news/69188 Thu, 12 Dec 2019 11:19:31 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=69188 योगी सरकार ने गन्ना किसानों काजितना भुगतान किया है
उतना कई राज्यों का बजट ही नहीं -डा.चन्द्रमोहन

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि गन्ना किसानों के समयबद्ध भुगतान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का फोकस है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद लगभग 76 हजार करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को हुआ है जो आजादी के बाद किसी भी राज्य का सबसे बड़ा भुगतान है। इतना तो देश के कई राज्यों का कुल बजट भी नहीं है। मार्च, 2017 में यूपी में भाजपा सरकार बनने से पहले गन्ना किसानों का लगातार गन्ने की खेती के प्रति रुझान घट रहा था। पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि गन्ने का उत्पादन पेराई के हिसाब से मापा जाता है। वर्ष 2014-15 में गन्ने की पेराई 74 करोड़ कुंतल थी जो वर्ष 2015-16 आते-आते वह 64 करोड़ कुंतल रह गई थी. पिछली अखिलेश सरकार में 10 करोड़ गन्ने की पेराई एक वर्ष में घटी थी क्योंकि सपा सरकार ने लगातार गन्ना किसानों के भुगतान को अनदेखा किया था। भाजपा सरकार आने के बाद 64 करोड़ कुंतल से गन्ना की पेराई आज बढ़कर 111 करोड़ कुंतल हो गई है। मतलब गन्ना किसानों की पैदावार करीब दोगुनी हो चुकी है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि जब भाजपा सरकार बनी थी प्रदेश में 66 टन प्रति हेक्टेयर गन्ने के उत्पादन का औसत था आज यह बढकर 80 टन हो गया है। किसी फसल के लिए सरकार कितना काम कर रही है इसका मानक यह है कि उसका क्षेत्रफल घट रहा है या बढ़ रहा है। मार्च, 2017 में जब योगी सरकार ने यूपी की सत्ता संभाली थी तब गन्ना का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर था आज यह बढकर 28 लाख हेक्टेयर हो गया है। तीस महीने में आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ा और 120 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो देश में सबसे ज्यादा है। यह स्पष्ट संकेत है कि गन्ना किसान योगी सरकार की नीतियों से खुश है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि कुछ लोगों को गन्ना किसानों की खुशी नहीं देखी जा रही है इसीलिए वह गन्ना के खरीद मूल्य को लेकर हाय तौबा मचा रहे हैं। जो लोग किसानों की फसल जला रहे हैं वह गन्ना किसानों के कतई हितैषी नहीं हैं।

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