Dr. Pranav Pandya gave the sage formula to make the unborn child a good human – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 03 Feb 2020 08:45:18 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 डॉ प्रणव पंड्या ने दिये गर्भ में पल रहे शिशु को सुसंस्कारित श्रेष्ठ मानव बनाने के ऋषि सूत्र http://www.shauryatimes.com/news/76917 Mon, 03 Feb 2020 08:45:18 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=76917 63वें ऑल इंडिया आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी 2020 का समापन

लखनऊ : आशियाना स्थित मान्यवर कांशीराम स्मृति उपवन में चल रहे 63वें ऑल इंडिया कांग्रेस आॅफ आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी (एआईसीओजी 2020) के अंतिम दिन पधारे अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख और देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलाधिपति डॉ.प्रणव पण्ड्या ने कहा कि मां की जीवनचर्या का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। गर्भस्‍थ शिशु हमारे क्रियाकलापों को सुनता है और उसी के अनुसार उसका जीवन आगे बनता—संवरता है। हमारे धार्मिक ग्रन्थों में भी यह वर्णित है माँ का आचरण, व्यवहार, कर्म, चिन्तन, घर के वातावरण का प्रभाव गर्भ में पलने वाले बच्चों पर सीधा पड़ता है। इसलिए गर्भ में पल रहे शिशु से अच्‍छी—अच्छी बात भी करनी चाहिये। डॉ.प्रणव पण्ड्या ने सम्मेलन में उपस्थित वरिष्ठ चिकित्सकों को गर्भ में पल रहे बच्चों को सुसंस्कारित श्रेष्ठ मानव बनाने के ऋषि सूत्र दिये। इसके साथ ही यह भी कहा इसमें चिकित्सकों को विशेष भूमिका निभाना चाहिए, यह योग धर्म है।

ऋषि के सद्ज्ञान को समाज में पहुंचाएं, यही युग धर्म

उधर, ‘हम बदलेगें तो युग अवश्य बदलेगा, अपना-अपना करो सुधार, तभी मिटेगा भ्रष्टाचार’ आदि नारों के साथ लखनऊ के शिव शान्ति आश्रम पहुँचने पर पीतवस्त्रधारियों कार्यकर्ताओं ने डॉ.पण्ड्या का भव्य स्वागत किया। मंच पर पहुँचने पर लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं ने पुष्पगुच्छ भेंट कर डॉ.पण्ड्या का सम्मान किया। सम्मेलन में बोलते हुआ डॉ.पण्ड्या ने कहा युग ऋषि का सपना है इक्कीसवीं सदी उज्जवल भविष्य, अब वह समय निकट है, हम सभी को अपने आचरण, व्यवहार, कर्म, चिंतन, चरित्र से अपने को परिष्कृत कर समाज के सामने अपने जीवन एक युग निर्माणी बनकर समाज के लिए आपका जीवन एक रोल मॉडल बनें। आज मैं आपको ऋषि का एक विशेष संदेश देना चाहता हूँ कि जब मनुष्य की अकल खराब हो जाये तो उसे सद्ज्ञान से ठीक किया जा सकता है और उल्टी बुद्धि को सीधा भी किया जा सकता। अतः आपसे अपील है कि ऋषि के सद्ज्ञान को समाज में पहुँचायें यही युग धर्म है।

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