DTC वर्कर्स यूनिटी सेंटर ने भी सोमवार को हड़ताल किये जाने का आह्वान किया है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 29 Oct 2018 05:07:19 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 DTC वर्कर्स यूनिटी सेंटर ने भी सोमवार को हड़ताल किये जाने का आह्वान किया है, मेट्रो में भी भीड़ http://www.shauryatimes.com/news/16298 Mon, 29 Oct 2018 05:07:19 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=16298  दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) कर्मचारियों की यूनियनें सोमवार को हड़ताल करेंगी जिससे सार्वजनिक परिवहन बसों पर निर्भर रहने वाले यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. डीटीसी के ठेका कर्मचारी डीटीसी संविदा श्रमिक संघ के बैनर तले गत सोमवार से हड़ताल पर है. उनकी मांगों में उस भत्ते को भी बहाल करना शामिल है जिसे एक अदालत के आदेश के बाद डीटीसी ने कम कर दिया था.

क्यों हड़ताल कर रहे हैं ठेका कर्मचारी?
डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर ने भी सोमवार को हड़ताल किये जाने का आह्वान किया है. इस बीच डीटीसी ने एक प्रेस बयान में कहा,‘‘दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन दरों को बहाल किया था जो ठेका कर्मचारियों के लिए चार अगस्त, 2018 से पहले लागू थी और न्यूनतम वेतन को कम करने के आदेश वापस ले लिये थे.’’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में आज हो रही इस हड़ताल का असर 3500 से ज्यादा बसों में देखने को मिलेगा. बसे न चलने के कारण दिल्ली के तमाम मेट्रो स्टेशनों पर सुबह से ही यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.

DTC ने कर्मचारियों से की जल्द काम पर लौटने की अपील
डीटीसी ने ठेका कर्मचारियों से जल्द से जल्द अपने काम पर लौटने की अपील की है. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा),1974 लगा दिया था.

2015 में हड़ताल कर चुके हैं डीटीसी कर्मचारी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले डीटीसी कर्मचारियों ने साल 2015 में हड़ताल की थी. इस हड़ताल की वजह से दिल्ली के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. आज होने वाली हड़ताल का असर दिल्ली मेट्रो में भी देखने को मिल सकता है. माना जा रहा है कि रोजाना के मुकाबले आज दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो सकता है.

ऑटो चालक भी कर चुके हैं हड़ताल
दिल्ली में पिछले दिनों से काफी कर्माचारी हड़ताल कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही सीएनजी की कीमतों में बढोत्तरी को लेकर ऑटो वालों ने भी हड़ताल की थी जबकि टैक्सी वालों ने निजी कैब को लेकर बनाई गई सरकार की नीति के खिलाफ भी बंद बुलाया था.

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