Famous poet Ajmal Sultanpuri died – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 30 Jan 2020 07:08:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 मशहूर शायर अजमल सुलतानपुरी का निधन http://www.shauryatimes.com/news/76418 Thu, 30 Jan 2020 07:08:16 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=76418 सुलतानपुर : मशहूर शायर अजमल सुलतानपुरी ने बुधवार शाम दुनिया को अलविदा कह दिया। वह 97 वर्ष के थे। ‘कहां है वो मेरा हिंदुस्तान जिसे मैं ढूंढ रहा हूं’ उनकी नज्म ने उन्हें दुनिया में पहचान दिलाई। साहित्य जगत में बेहत इज्जत और एहतराम के साथ अजमल सुलतानपुरी का नाम लिया जाता है। रचनाओं में जज्बात को घोलने में माहिर अजमल ने अपनी शायरी और अदम को मुशायरों में जिंदा किया। उर्दू में गीतों को सलीका देने में उनका कोई सानी नहीं है। अमजल को जिंदगी के अंतिम पल तक हिन्दुस्तान के बंटवारे का दर्द सालता रहा। ‘मेरे बचपन का हिन्दुस्तान’ और ‘ताजमहल’ उनकी यादगार रचनायें हैं। अजमल सुलतानुपरी अपनी अस्वस्थता के कारण बीते दो वर्षों से किसी भी मंच पर नहीं जा सके। उनके निधन पर हबीब अजमल ने कहा-‘ आज शायर की दुनिया में एक युग का अंत हो गया।’ उन्हें दुबई की एक संस्था ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा था। तबीयत खराब होने की वजह से वहां नही जा सके थे तो संस्था के प्रतिनिधियों ने खुद चलकर सुलतानपुर में अवार्ड से सम्मानित किया था। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ने भी उन्हें लाइफ टाइम अवार्ड प्रदान किया था।

शहर से करीब 14 किलोमीटर दूर कुड़वार बाजार के पास स्थित हरखपुर गांव में 1923 में उनका साधारण परिवार में जन्म हुआ। 1967 में सामाजिक बुराइयों का विरोध करने पर कुछ लोगों ने उन्हें पीटा और मरा समझकर फेंक दिया। पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद परिवार व रिश्तेदारों की मदद से उनका इलाज सुलतानपुर से लेकर मुंबई तक हुआ। इसके बाद वे शहर के खैराबाद मोहल्ले में बस गए। तब से वह गांव वापस नहीं लौटे। उनके निधन से शोक की लहर है। उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए लोगो की भीड़ लगी हुई है।

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