Free UP from filaria by eating anti-filarial medicines by 2021: Health Minister – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 21 Dec 2020 20:58:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 फाइलेरिया रोधी दवाएं खाकर यूपी को वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से मुक्त करें : स्वास्थ्य मंत्री http://www.shauryatimes.com/news/95241 Mon, 21 Dec 2020 20:58:37 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=95241 यूपी के आठ जनपदों में शुरू हुआ एमडीए अभियान

सुल्तानपुर। “उत्तर प्रदेश को वर्ष 2021 तक फाइलेरिया रोग से पूर्ण रूप से मुक्त करने के लिए हम सबको मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान में फाइलेरिया रोधी दवाएं अवश्य खानी हैं”। यह बातें सोमवार को जनपद के कलेक्ट्रेट सभागार में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने एमडीए अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर कहीं| उन्होंने खुद फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कर और लाभार्थियों को दवा का सेवन कराकर अभियान का शुभारंभ किया| यह अभियान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज व अन्य सहयोगी संस्थाओं यथा विश्व स्वास्थ्य संगठन, पीसीआई (प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल), पाथ एवं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफ़ॉर) के साथ समन्वय स्थापित करते हुए चलाया जा रहा है|

स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा- वैश्विक महामारी कोरोना में प्रदेश सरकार कोविड-19 से लड़ने हेतु हर संभव कार्य निरंतर कर रही है| साथ ही हर व्यक्ति तक अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवायें सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु वचनबद्ध भी है| उन्होंने कहा- फाइलेरिया, जिसे हाथीपांव भी कहा जाता है, एक घातक रोग है जो कि मच्छर के काटने से फैलता है। फाइलेरिया के संक्रमण से सभी को, खासतौर से बच्चों को खतरा है लेकिन इसकी रोकथाम संभव है और बचने का समाधान भी सरल है| सामुदायिक भागीदारी से ही हाथीपांव को हराकर हम अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य की ओर ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा प्रदेश के आठ जिलों (औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, कन्नौज, कौशांबी, रायबरेली एवं सुल्तानपुर) में, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के मानकों को ध्यान में रखते हुए एमडीए कार्यक्रम आज से शुरू किया जा रहा है| इन सभी जिलों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोविड-19 से बचाव के आदर्श मानकों का अनुपालन करते हुए समुदाय के सभी लाभार्थियों को घर-घर जा कर निःशुल्क दवाइयाँ खिलाई जायेंगी। यह दवायें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हमें याद रखना है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर, सभी को स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवाओं का सेवन करना है। किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं करना है| साथ ही उन्होंने, जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया कि अपने क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने में मदद करें ताकि लोग इन दवाओं को स्वीकार करें।

इस मौके पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कहा- एमडीए कार्यक्रम को पूर्णतया सफल बनाने के लिए, जिला स्तर पर सभी तैयारियाँ की जा चुकी हैं। जनपद में कुल 2,342 टीमों का गठन किया गया है जिसमें 4,684 प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी और अभियान की निगरानी हेतु 399 पर्यवेक्षकों लगाये गये हैं| किसी भी विषम परिस्थितियों से निपटने हेतु रैपिड रेस्पॉन्स टीम भी लगाई गयी हैं। अभियान के दौरान गुणवत्ता बनाये रखने हेतु हर दिन ब्लाक स्तर पर बैठक की जायेगी। साथ ही इस अभियान की सफलता के लिए संबंधित विभागों, सहयोगी संस्थाओं द्वारा संयुक्त प्रयास भी किये जा रहें हैं। कोविड-19 के कारण इस बार कटोरी विधि के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन स्वास्थ्य कर्मियों के सामने करेंगे। उन्होंने सूचित किया कि इस अभियान में सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी. और एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लाभार्थियों को अपने समाने ही खिलाई जाएगी|

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की अपर निदेशक डॉ. नूपुर रॉय ने कहा – भारत सरकार वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है| सारे प्रदेशों के साथ समन्वय बनाकर, कोविड- 19 के समय भी रणनीति बनाकर एमडीए गतिविधियों को सफलता पूर्वक संपादित करने के अथक प्रयास कर रही है | उत्तर प्रदेश सरकार की फाइलेरिया से उन्मूलन की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा-उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य है जहाँ 6 वेक्टर बोर्न डिजीज को नोटीफाईड किया गया है तथा उन्हें पूरा विश्वास है कि स्वास्थ्यकर्मियों के सार्थक प्रयासों से देश और प्रदेश से फाइलेरिया का शीघ्र ही उन्मूलन होगा|

इस मौके पर जनपद के जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कहा – किसी भी कार्यक्रम में जन-सहभागिता के बिना अपेक्षित सफलता नहीं मिलती| उन्होंने लोगों से एम.डी.ए कार्यक्रम को जन-आन्दोलन बनाने की अपील की| उन्होंने कहा प्रदेश सरकार कोविड- 19 के दौरान भी, लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और यही कारण है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी आज से एम.डी.ए. कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है| भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 से बचाव के मानकों को ध्यान में रखते हुए अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम भी इसी प्रकार सम्पादित किये जायेंगे| राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. एन.एस.धर्मशक्तु ने फाइलेरिया रोग के तकनीकि पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी| उन्होंने कहा “जिस प्रकार से विश्व के 11 देशों से फाइलेरिया का पूर्ण उन्मूलन हो चुका है, उसी प्रकार की रणनीति अपनाकर, भारत भी फाइलेरिया रोग का पूर्ण उन्मूलन कर सकता है|”

फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा.वी.पी.सिंह ने कहा – हाइड्रोसील एवं काईलुरिया (सफेद रंग का मूत्र में स्त्राव) भी फाइलेरिया के कारण ही होता है और इन दवाओं के सेवन से इन दोनों बीमारियों से बचा जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी लोगों से इस कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग देने का अनुरोध किया और इस रोग से बचाव के लिए जागरूकता का सन्देश देते हुए कहा “फाइलेरिया का जोखिम क्योँ उठायें, साल में एक बार दवा अवश्य खाएं|” इस अवसर पर सुल्तानपुर,सदर, कादीपुर के विधायक, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य 7 जनपदों के अधिकारी व जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे| इस कार्यक्रम में अन्य सात जनपदों, जिनमें एमडीए अभियान शुरू किया जा रहा है, वहां के लोगों ने भी वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया| कार्यक्रम में उपस्थित विधायकों और जिलाधिकारी सहित सभी लोगों द्वारा दवा का सेवन किया गया।

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