Gandhiji’s mantra of cleanliness – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 13 Jun 2020 17:49:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 स्वच्छता, स्वदेशी और स्वावलम्बी बनने का गांधीजी का मंत्र आज भी प्रासंगिक : आनंदीबेन http://www.shauryatimes.com/news/79453 Sat, 13 Jun 2020 17:49:37 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=79453 राजभवन में महात्मा गांधी के दर्शन पर आधारित वेबिनार को राज्यपाल ने किया संबोधित

लखनऊ : प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को कहा कि महात्मा गांधी द्वारा बताये गये स्वच्छता, स्वदेशी और स्वावलंबन के मंत्र आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि ये मंत्र कोरोना जैसी महामारी और उससे उत्पन्न हुई परिस्थितियों के समाधान में सहायक हो सकते हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल राजभवन से आज आदिनाथ कालेज आफ एजूकेशन, ललितपुर द्वारा महात्मा गांधी के दर्शन पर आधारित वेबिनार को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने देशवासियों से सदैव स्वच्छता का पालन करने, स्वदेशी अपनाने और स्वावलम्बी बनने का जो आह्वान किया था, वह आज भी प्रासंगिक है। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वर्तमान समय में स्थानीय और वैश्विक शिक्षा का हर पहलू कोविड-19 के संकट से ग्रस्त है। इसने जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस भीषण संकट के फलस्वरूप जीवन जीने के नजरिए में बहुत बड़ा बदलाव होगा। राज्यपाल ने कहा कि मानव को अपने अस्तित्व के लिए और कोविड-19 के वर्तमान और भविष्य के परिप्रेक्ष्य में अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि संक्रमण काल के दौरान गांव की ओर लौटे प्रवासी श्रमिकों को उनके घर के आसपास रोजगार उपलब्ध कराना एक चुनौती है। गांधी जी के अर्थ दर्शन के अनुसार हमें चुनौती, शक्ति, परिस्थिति और संसाधन को मिलाकर अवसर विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने से इस समस्या का समाधान मिल सकता है और हम स्वालम्बन की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। गांधी जी देशवासियों से अपने आस-पास निर्मित सामान का ही उपयोग करने को कहा भी करते थे। कुटीर और ग्रामीण उद्योग इस दृष्टि से महत्वपूर्ण भी हैं। इसी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ‘वोकल फाॅर लोकल’ का नारा दिया है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिये आवश्यक है।

श्रीमती पटेल ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षण प्रक्रिया में ऑनलाइन व्यवस्था को लाया गया है, जिसने शिक्षाशास्त्र के नए प्रारूपों को गति दी है। शिक्षाविदों तथा संस्थानों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु जबरदस्त पहल हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के पास समाज में विश्वसनीयता साबित करने का यह एक बड़ा अवसर है कि वे समाज के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता के स्रोत के रूप में कार्य कर सकें। इस वेबिनार में आॅल इण्डिया एसोसिएशन फाॅर एजूकेशनल रिसर्च के अध्यक्ष डाॅ. सुनील बिहारी मोहंती, आदिनाथ कालेज, ललितपुर के प्रबन्ध समिति की अध्यक्ष श्रीमती खुशबू जैस, कालेज के प्राचार्य डाॅ. नरेन्द्र कुमार शर्मा, देश-विदेश के अन्य शिक्षाविद् एवं छात्र-छात्राएं भी आॅनलाइन जुड़े हुए थे।

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