Godse and Bapu fans – Ramgovind Chaudhary – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 22 Jan 2020 16:28:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 वर्तमान संघर्ष सावरकर, गोडसे और बापू को चाहने वालों के बीच -रामगोविन्द चौधरी http://www.shauryatimes.com/news/75353 Wed, 22 Jan 2020 16:27:46 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=75353 मीडिया सीएम के अमर्यादित शब्दों को संज्ञान में न ले -नेता प्रतिपक्ष

सत्याग्रह के सामने अंग्रेजों की नहीं चली, इंदिरागांधी हार गईं तो इस सरकार की क्या बिसात। लखनऊ-इलाहाबाद की सत्याग्रही महिलाओं पर दंगा कराने का एफआईआर मानवता को कलंकित करने वाला। यूपी में बीस लोगों की हत्या और सैकड़ों को अधमरा करने के मामले में पहले से सने हैं सरकार के हाथ। सत्ता बदलने पर इन हाथों को रोने के लिए ऑंसू नहीं मिलेंगे।

लखनऊ : नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि एनआरसी, एनपीआर और सीएए को लेकर चल रहा वर्तमान संघर्ष सावरकर, गोडसे को हीरो मानने वाली ताकतों और बापू को चाहने वालों के बीच है। इस संघर्ष में अंततः जीत सत्य अहिंसा के रास्ते चल रहे गाँधीवादी सत्याग्रहियों की ही होनी है। इसलिए मैं उत्तर प्रदेश के अफसरों से खासतौर पर आग्रह कर रहा हूँ कि वे संविधान की मर्यादा के अनुरूप आचरण करें। उत्साह में ऐसी हरकत नहीं करें कि कल शासन बदलने पर उन्हें रोने को ऑंसू नहीं मिले। रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि इतिहास गवाह है, सत्याग्रह के सामने अंग्रेजी राज की नहीं चली। उसे भारत को आज़ादी देकर जाना पड़ा। गरीबी हटाओ की लहर पर सवार होकर 1971 में अपार बहुमत से जीतीं इंदिरा गांधी को आपातकाल भी 1977 में नहीं बचा सका। उन्हें केवल दल का नहीं, अपनी भी पराजय का मुँह देखना पड़ा। उन्होंने कहा है कि जनविरोध की वजह से हिटलर मिट गया, जार मिट गया तो इस सरकार की क्या बिसात? इसको भी जाना पड़ेगा। इसके जाने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसी वजह से इस सरकार के नेताओं को बड़बोलेपन की बीमारी हो गई है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि लखनऊ और इलाहाबाद में चल रहे महिलाओं के सत्याग्रह से महात्मा गाँधी की अहिंसा का सम्मान बढ़ा है। लोकतन्त्र में विश्वास रखने वाला हर आम खास इन महिलाओं के सत्याग्रह को सैल्यूट कर रहा है और सरकार ! इस कड़ाके की ठंड में इनका कम्बल छीन रही है। इनके अलाव पर पानी डालकर बुझा रही है। फिर भी ये महिलाएं पार्क में, मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से डटी हुईं हैं और एलान कर रही हैं कि वह देश की 90 फीसदी आबादी को लाइन में खड़ा करने वाले कानून को नहीं मानेगी। इस तरह के शांतिपूर्ण सत्याग्रह में शामिल महिलाओं पर दंगा भड़काने का एफ आई आर दर्ज कराना लोकतन्त्र को कलंकित करने वाला व्यवहार है। सरकार इसे रोके नहीं तो समाजवादी इनके साथ मैदान में भी लामबंद होने के लिए विवश होंगे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि एनआरसी, एनपीआर और सीएए के विरोध में हुए धरना प्रदर्शनों पर सरकार ने नियोजित तरीके से पहले भी बर्बर हमला बोला। इस बर्बर हमले में बीस लोगों की जान गई, सैकड़ों लोग अधमरे हो गए, हज़ारों लोग कानून के फंदे में वेवजह फांसे गए हैं। उन्होंने कहा है कि यूपी सरकार की इस बर्बर कार्रवाई से लोकतांत्रिक जगत में यूपी का सिर झुका हुआ है। लखनऊ और इलाहाबाद में सत्याग्रह कर रही महिलाओं पर दंगा कराने का एफ आई आर इस शर्मिंदगी को और बढ़ाने वाला है। इस तरह के व्यवहार की उम्मीद आदमी का दिल रखने वाले किसी आदमी से नहीं की जा सकती है।

रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि सत्याग्रही महिलाओं के साथ हो रहे इस दुर्व्यवहार के लिए यूपी सरकार को माफी मांगनी चाहिए और इनके साहस और धैर्य को सार्वजनिक तौर ओर सैल्यूट करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश ने कहा है यूपी की सरकार सभी मोर्चों पर फेल हो गई है। यूपी में जंगलराज जैसी स्थिति की टिप्पणी न्यायपालिका कर रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इससे सबक लेने की जगह बोल रहे हैं कि ठोंक दो, बदला लेंगे। वह बाप का धन जैसे अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। मीडिया के लोगों को चाहिए कि उनके ऐसे अमर्यादित शब्दों को संज्ञान में नहीं लें क्योंकि उनकी इस भाषा से उनका नहीं, मुख्यमंत्री पद का मान गिरता है।

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