Governments not on poverty but on eradicating the poor – Ramgovind Chaudhary – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 04 Jun 2020 06:38:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सरकारें गरीबी को नहीं, गरीबों को मिटाने पर तुली -रामगोविन्द चौधरी http://www.shauryatimes.com/news/79021 Thu, 04 Jun 2020 06:38:48 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=79021 मंहगाई, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और जुल्म चरम पर, मजदूरों, श्रमिकों, बेरोजगारों और किसानों की रक्षा के लिए 1974 से भी बड़े छात्र युवा आंदोलन की जरूरत, 5 जून को जेपी और सम्पूर्ण क्रांति को याद करते हुए छात्र युवा करें इसकी तैयारी – नेता प्रतिपक्ष

लखनऊ : नेता प्रतिपक्ष यूपी, रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि कोरोना के मुकाबले के नाम पर देश और राज्यों की सरकारें गरीबी को नहीं, मजदूरों, श्रमिकों, बेरोजगारों, किसानों और गरीबों को मिटा देने पर तुली हैं। ये सरकारें अपने अनियोजित और मनमाने फैसलों से आम आदमी को प्रतिदिन मौत के मुँह में ढकेल रहीं हैं। देश को आर्थिक तबाही के मोड़ पर पहुँचा दी हैं। इसलिए इनके खिलाफ आज 1974 से भी बड़े छात्र युवा आन्दोलन की जरूरत है। उन्होंने छात्रों और नवजवानों से आग्रह किया है कि वे 5 जून को सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए मजदूरों, श्रमिकों, बेरोजगारों, किसानों और गरीबों की रक्षा के लिए लाकडाउन नियमों का पालन करते हुए 1974 से भी बड़े आंदोलन की तैयारी करें।

गुरुवार को जारी आनलाइन प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि देश और राज्यसरकारों की कारपोरेट समर्थक नीति के कारण देश पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और आर्थिक मंदी से जूझ रहा था। किसान रो रहा था। अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष लोग शासन के संरक्षण में भीड़ हिंसा का शिकार हो रहे थे। बैंक दिवालिया हो रहे थे। कोरोना को लेकर विदेशों से आने वाले देश में बिना जांच पड़ताल के चारो तरफ आ जा रहे थे और देश तथा राज्यों की कुछ सरकारें डब्लूएचओ की चेतावनी के बाद भी ट्रम्प के स्वागत और मध्यप्रदेश कब्जा की राजनीति में लगी रहीं तो कुछ सरकारें अपने दलीय हितों में। उन्होंने कहा है कि ऐसे में कोरोना के मुकाबले के नाम पर अचानक और अनियोजित लाकडाउन ने पूरे देश की कमर तोड़ दिया है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि इस अनियोजित और अचानक लाकडाउन से देश एक ऐसे आर्थिक तबाही के दौर से गुजर रहा है जिसकी कल्पना करने से रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस अनियोजित और अचानक किए गए लाकडाउन से 15 करोड़ से अधिक बारोजगार लोग बेरोजगार हो गए। किसान खेत में अपना उत्पाद नष्ट करने को मजबूर है। रोज कमाने खाने वाली देश की बड़ी आबादी भुखमरी की चपेट में है। छोटे मोटे रोजगार कर खुश रहने वालों की भी हालत चिंताजनक हो गई है। रेल से कटकर, वाहनों से कुचलकर और रास्तों में भूख प्यास से मरने वालों को छोड़िए, राज्य सरकार और भारत सरकार की देखरेख में चल रही ट्रेनों में 80 मजदूर भूख प्यास से मर गए। उन्होंने कहा है कि आर्थिक तंगी को लेकर आए दिन खुदकुशी की खबरें आ रही हैं और सरकार या तो कान में तेल डाले पड़ी है या केवल कागजी निर्देश, उपदेश जारी कर रही हैं और लाठी गोली की भाषा बोल रही हैं।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि इन सरकारों ने उन लोगों के ख़िलाफ़ भी मुकदमा दर्ज कराया है जो रास्ते में मजदूरों की मदद किए हैं। उन वाहनों को भी जब्त कर लिया जिन्होंने दया करके मजदूरों को अपने वाहन पर बैठा लिया। यही नहीं, इन असहाय मजदूरों को सरकारों के निर्देश पर पुलिस ने बेरहमी से पीटा, चिलचिलाती धूप में मुर्गा बनाया, इससे अधिक निर्लज्जता क्या सकती है? उन्होंने कहा कि इसे लेकर केवल आलोचना से काम नहीं चलेगा। हम सभी लोग समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कन्नौज की पूर्व सांसद डिम्पल यादव से प्रेरणा लें और खुद भी दुखीजनों के आँसू पोछें, जुल्म का प्रतिवाद करें लेकिन इस संकल्प के साथ- “हमला चाहे जैसा होगा- हाथ हमारा नहीं उठेगा।”

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि जेपी ने 1974 में एक और नारा दिया था,
“सरकार निकम्मी है लेकिन यह देश हमारा अपना है।
इसकी तस्वीर बदलने को लाखों आंखों में सपना है।”
हम सभी लोग इस नारे को याद करते हुए दुखी जनों को फिर से नई जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करें, स्वदेशी अपनाएं और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में कम से कम एक पौधा जरूर रोपें। नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि 1974 का छात्र युवा आंदोलन गुजरात विद्यापीठ में मेस, हास्टल, शिक्षण शुल्क, पुस्कालय में फीस वृद्धि को लेकर प्रारम्भ हुआ था। बाद में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा भी इस आन्दोलन का मुख्य मुद्दा हो गया। बिहार आते आते यह आंदोलन सम्पूर्ण क्रांति में बदल गया। पटना के गाँधी मैदान में 5 जून 1974 को खुद लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इस सम्पूर्ण क्रांति का एलान किया जो आज भी उस समय से अधिक प्रासंगिक है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि वर्तमान में देश में 1974 से लाखगुना बदतर स्थिति व्याप्त है। इन सरकारों की कारपोरेट समर्थक नीतियों की वजह से देश 1947 से पूर्व की स्थिति में पहुंच गया है। ये नए अंग्रेज जुल्म और लूट में पुराने अंग्रेजों को भी मात दे रहे हैं। इनसे मुक्ति का एक मात्र रास्ता है, 1974 से भी बड़ा छात्र युवा आंदोलन। उन्होंने छात्रों और नवजवानों से अपील की है कि वह पांच जून को लोकनायक जयप्रकाश नारायण को नमन करें। सम्पूर्ण क्रांति को याद करें और लाकडाउन नियमों का पालन करते हुए 1974 से भी बड़े आंदोलन की तैयारी करें लेकिन दुखीजनों की मदद के साथ।

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