illegally occupied government bungalows should be vacated in a fortnight – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 05 Feb 2020 09:23:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सुप्रीम कोर्ट सख्त, अवैध रूप से काबिज सरकारी बंगले एक पखवाड़े में कराएं खाली http://www.shauryatimes.com/news/77203 Wed, 05 Feb 2020 09:23:33 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=77203 15 दिनों में बंगला खाली नहीं करने पर सड़क पर फेंक दें सामान

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने आवास और शहरी विकास मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वे 1998 से अनधिकृत रूप से सरकारी बंगलों में रह रहे लोगों से 15 दिनों में बंगला खाली करने को कहें। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर वे 15 दिनों के अंदर बंगला खाली नहीं करते हैं तो उनके सामान सड़क पर फेंक दें। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि अगर किसी बंगले को खाली करने पर किसी कोर्ट या ट्रिब्यूनल की रोक है तो आवास और शहरी विकास मंत्रालय उन्हें खाली नहीं कराएगा। इस मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।

दरअसल, सरकारी बंगलों में पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व नौकरशाहों द्वारा तय समय बीत जाने के बावजूद अनधिकृत रूप से रहने के खिलाफ एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है। 14 नवम्बर, 2019 को याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर सरकारी बंगलों में अनधिकृत रूप से रहने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अनधिकृत रूप से रहने वाले लोगों से कितनी रकम वसूली जाए, यह भी बताने का निर्देश दिया था। एंटी करप्शन काउंसिल ने दायर याचिका में कहा है कि सरकारी बंगलों में अनधिकृत रूप से रहने वाले लोगों पर होने वाले खर्च का ब्योरा देने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील जेडयू खान ने कोर्ट से कहा था कि पूर्व नौकरशाहों ने करीब सौ सरकारी बंगलों में अनधिकृत रूप से कब्जा जमा रखा है। कोर्ट को बताया गया था कि अनधिकृत रूप से कब्जा करने की वजह से कई वर्तमान विधायक और सांसदों को सरकारी खर्च पर पंचसितारा होटलों में रखा जा रहा है। याचिकाकर्ता ने आरटीआई के जरिये सूचना मांगी थी लेकिन संबंधित विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर इस मामले पर एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो संबंधित सचिव को कोर्ट में तलब किया जाएगा।

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