In the jam of the city jam due to administrative failure – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 11 Dec 2020 06:58:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 प्रशासनिक नाकामी के कारण नगर जाम के झाम में http://www.shauryatimes.com/news/93806 Fri, 11 Dec 2020 06:58:32 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=93806 जनता करे वन-वे का बहिष्कार, सामूहिक चार पहिया वाहन चला प्रशासन को दे जवाब 
-अरुण कुमार राव
देवरिया – जनता की नाकामी पर प्रशासन भारी पड़ रही है। कितनी बड़ी विडंबना है कि देवरिया नगर के लिए की चंद पुलिस वाले दो सड़कों पर खड़े होकर हजारों की संख्या में चल रहे लोगों का रास्ता बदल दे रहे हैं। क्योंकि उनके हुक्मरानों व प्रशासनिक भ्रष्ट अफसरों ने महायोजना की ऐसी की तैसी कर दी | जिस कोऑपरेटिव चौराहे से हनुमान मंदिर तक की सड़क 60 फीट की होनी चाहिए थी। आज वह 20 और 30 फीट के बीच है। बाकी अतिक्रमण का शिकार, तो वही हाल वन वे के प्रयोग में लाए जा रहे दूसरे सड़क की भी है। शिव मंदिर से हनुमान मंदिर को जाने वाली सड़क महायोजना में 60 फिट की है। लेकिन वर्तमान में 25 और 30 फीट के बीच में पूरी सड़क है। बाकी नक्शा देने वाले नियत प्राधिकारी एसडीएम सदर कार्यालय ने पूरे नगर को बर्बाद किया और जनता डंडों के डर से प्रशासनिक भ्रष्टाचार में सहयोग कर रहे हैं। जनता वन-वे का पालन कर रहे हैं, क्योंकि लोगो के पास टाइम नहीं है, उक्त मार्गों पर अपनी गाड़ी बंद करके यह सवाल पूछने का, की महायोजना के अंतर्गत सड़क बनी कहा है कि- मैं रुकूं। नियम तो तब होता है, जब नियम से सड़क बनी होती |
कॉपरेटिव चौराहे पर खड़े चार  होमगार्ड हजारों लोगों की गाड़ियों का रुख मोड़ दे रहे, क्योंकि वहां दो बैरिकेडिंग लगे हैं। आप उस बैरिकेडिंग को नहीं तोड़ पा रहे और किसानों ने तो सैकड़ों बैरिकेडिंग तोड़कर, पानी की बौछारें झेलकर, आंसू गैस के गोलों का सामना करके दिल्ली की सीमा पर कब्जा किया है। आप उनकी समस्या पर तीनों कृषि बिल पर चर्चा भी नहीं कर पा रहे हैं | इतना भय, इतना खौफ में नगर की जनता है। एसडीएम सदर  और जिलाधिकारी देवरिया से पूछ नहीं पा रही है कि हमारा क्या दोष है कि हम वन-वे पर चलें, क्योंकि लूटपाट तो आपके द्वारा की गई है। नगर तो आपके द्वारा बर्बाद किया गया है। महायोजना तो आपके द्वारा बर्बाद किया गया है। सड़कों पर अतिक्रमण तो आपके द्वारा लगवाया गया है ?
आखिर जनता पुलिस के डंडे से डर क्यों रही है किसान घरों से डंडे लेकर चले हैं। आपके घर में डंडे नहीं है तो किसानों से कुछ सीख लीजिए। आपकी लाखों की आबादी है। हजारों की तादाद में आप सड़कों पर निकलते हैं। अगर आप में एकजुटता नहीं है तो, डंडे की जोर पर आपको कोई भी हांकता रहेगा | वन- वे का विरोध हो या प्रशासनिक भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है | जो जनप्रतिनिधि या आगामी प्रत्याशी वन- वे के मुद्दे पर खामोश हैं। जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। सवाल उनसे भी पूछा जाएगा, आगामी दिनों में नगर पालिका और विधानसभा का चुनाव है। प्रत्याशियों को अपनी राजनैतिक हैसियत का अंदाजा लगाना चाहिए कि उन्होंने जनता के लिए जनता के मुद्दों पर कब कौन सी लड़ाई लड़ी है और कौन सी लड़ाई लड़ रहे हैं |
महायोजना के संदर्भ में कुछ सूचनाएं जिनमें से ज्यादातर जन सूचना अधिकार के तहत प्रशासन ने उपलब्ध कराई हैं और वर्तमान जेई आरबीओ के हस्ताक्षर हैं। उसे देखकर समझ सकते हैं कि नगर को किस तरह बर्बाद किया गया। विशेषकर सिविल लाइन रोड को, जो समझ जाए बताए क्योंकि लड़ने वाले तो दिन-रात अधिकारियों को  न्यायालय के स्तर से समझा ही रहे हैं। क्योंकि चंद अधिकारियों ने सिविल लाइन को बर्बाद कर दिया है और आज भी उसका विस्तार नहीं होने दिया | अन्य सड़कों की दशा क्या है यह तो बार-बार कहा जाता है कि पूरी की पूरी महायोजना भ्रष्ट अफसरशाही ने सुविधा शुल्क के नाम पर भू माफियाओं के हिसाब से बना डाली। महायोजना सड़क बेच डाली। ऐसी भी मिसाल देवरिया नगर में जिलाधिकारी कार्यालय से 1 किलोमीटर के दायरे में है।
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