India strikes digital against China: Lallu Singh – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 30 Jun 2020 18:28:07 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 चीन के खिलाफ भारत ने की डिजिटल स्ट्राइक : लल्लू सिंह http://www.shauryatimes.com/news/80145 Tue, 30 Jun 2020 18:26:49 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=80145 अयोध्या : सरकार द्वारा 59 चीनी एप पर पाबंदी लगाने के फैसले का सांसद लल्लू सिंह ने स्वागत किया है। लोगों की निजी सुरक्षा व समाज के लिए घातक बने इस प्रकार के चीनी एप्स के खिलाफ कारवाई की मांग को सांसद लल्लू सिंह इससे पहले भी विभिन्न मंचों पर उठाते रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में 19 जुलाई 2019 को टिकटॉक व इसी तरह के चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि भारत ने चीन के खिलाफ डिजिटल स्ट्राईक की है। 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगने से एक ओर चीन को जहां करारा झटका लगेगा, वहीं हमारे देश की प्रतिभाओं को इसके समकक्ष दूसरे एप को लांच करने का मौका मिलेगा। इससे हमारी आत्मनिर्भरता को सम्बल मिलेगा। यह चीनी एप अश्लीलता परोसने के साथ लोगों की निजी सुरक्षा के लिए खतरा भी थे। भारत आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। वोकल फार लोकल के तहत अब हमारे घरेलू उत्पाद एक वैश्विक स्तरीय ब्रांड के स्वरुप में परिवर्तित होने वाले हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व एक नये भारत के लिए एक प्रकाश स्तम्भ है। भारत के नेतृत्व के आगे आज पूरी दुनिया नत मस्तक है। भारत अपनी सुरक्षा व सम्प्रभुता से अब कोई समझौता नहीं करेगा।

सांसद ने कहा सरकार के कठोर फैसलों से पूरे विश्व में यह संदेश गया है कि नया भारत देश को एकजुट व सुरक्षित रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की आज पूरा विश्व सराहना कर रहा है। वहीं 19 जुलाई 2019 को सांसद लल्लू सिंह ने लोकसभा में कहा था कि देश में चीन से संचालित बहुत ब्राउजर जैसे टिक टाक, यूसी का उपयोग बड़ी संख्या में नौजवान कर रहे है। जो बहुत गम्भीर है। इस प्रकार के ब्राउजर द्वारा देश एवं समाज मे साम्प्रदायिकता, जातिवादिता एवं अश्लीलता जैसी सामग्री वितरित की जा रही है। जो आज के नौजवानों को गलत दिशा में ले जा रही है। यह भी सम्भव है इस प्रकार के विदेशी ब्राउजर भारतीयों के डाटा अपने अपने देशों के साथ साझा कर रहे हों, जो देश की साइबर सुरक्षा के लिए भी घातक सिद्ध हो रहे हों।

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