Instructions to go to the bottom of the case and grab fast – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 15 Jun 2020 12:37:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 पशुधन विभाग में ठेका धोखाधड़ी पर योगी के तेवर सख्त, बड़ी कार्रवाई की तैयारी http://www.shauryatimes.com/news/79546 Mon, 15 Jun 2020 12:33:05 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=79546 सीएम के आदेश पर हुई हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां, कई और चेहरे होंगे बेनकाब

लखनऊ : पशुधन विभाग में करोड़ों का ठेका दिलाने के बदले धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े तेवर अपनाये हैं। इसके बाद कुछ और बड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है, जिसमें बड़े लोगों की भी गर्दन नप सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरुआत से ही सख्त रहे हैं। कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टालरेंस की नीति अपनाने की बात कही थी। शासन के वरिष्ठ अफसरों के मुताबिक पशुधन विभाग के ताजा प्रकरण को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अपनी इसी चिरपरिचित रणनीति के अनुसार मामले की जांच एसटीएफ से कराने का आदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने ठेका दिलाने के नाम पर इस फर्जीवाड़े पर कड़ी नाराजगी भी जतायी। उनके कड़े रुख और आदेश पर ही धोखाधड़ी में शामिल तमाम हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां हुईं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मामले की तह तक जाएं और हर दोषी की धड़पकड़ करें, चाहे वह कोई हो। इस मामले में कई और बड़े आरोपितों की गिरफ्तारी तय है। दरअसल पशुधन विभाग में करोड़ों का ठेका दिलाने के बदले इंदौर के व्यापारी से 9.72 करोड़ रुपये ऐंठने के मामले में उप्र एसटीफ पशुधन राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद के निजी सचिव धीरज कुमार देव, प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, कथित पत्रकार एके राजीव, पत्रकार अनिल राय, रुपक राय, उमाशंकर तिवारी और जालसाज आशीष राय को गिरफ्तार कर चुकी है।

तेजी से मामले की तह तक जाने और धरपकड़ के दिए निर्देश

आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक पशुधन विभाग में 240 करोड़ रुपये के किसी टेंडर के नाम पर फर्जीवाड़े का जाल बुना गया। इसमें मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया के साथ बेहद सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी की गई। मंजीत को जाल में फंसाने के लिए किसी फिल्म की स्टाइल में पशुधन राज्यमंत्री के निजी सचिव के कमरे का इस्तेमाल किया गया। यहां तक की मंजीत को मंत्री की गाड़ी में बैठा कर सचिवालय लाया गया। जहां निजी सचिव धीरज कुमार देव के कार्यालय को फर्जी उप निदेशक, पशुपालन विभाग एसके मित्तल का कार्यालय बताया गया। वहां आशीष राय पहले से मौजूद था। खास बात है कि एसके मित्तल के नाम की तख्ती भी निजी सचिव के कमरे के बाहर लगा दी गई, जिससे शक की कोई गुंजाइश न हो। यहीं पूरी डील तय हुई और मंजीत से ठेका दिलाने के नाम पर 9.72 करोड़ रुपये बारी-बारी ले लिए गए।

सूत्रों के मुताबिक मंजीत से कुल 15 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था। 9.72 करोड़ रुपये मिलने के बाद उसे फर्जी वर्क आर्डर भी थमा दिया गया। जब तक मंजीत को हकीकत का पता चलता तब तक उसे करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है। इसके बाद जब उसने अपने रुपये वापस मांगे तो उसे धमकी दी जाने लगी। मंजीत को कथित पत्रकार एके राजीव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए नाका पुलिस से एनकांउटर की धमकी भी दिलायी। किसी तरह छूटकर मंजीत ने मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचाया, जिसके बाद इतने बड़े काण्ड में कई आरोपितों के चेहरे बेनकाब हुए। अब मुख्यमंत्री के तेवर सख्त होने के बाद एसटीएफ धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के आधार पर और दोषियों का भी पता लगाने में जुट गई है। इसमें किसी भी भी न बख्शने की हिदायत दी गई है। मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि सरकार पर कोई दाग लगे, इसलिए दोषी चाहे जितना भी रसूखदार हो, उसका पर्दाफाश करने का कहा गया है। इसलिए अब कुछ और बड़ी कार्रवाई जल्द होना तय माना जा रहा है।

]]>