Lok Sabha Election 2019 में करारी हार से कांग्रेस विचलित – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 01 Jun 2019 10:45:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 Lok Sabha Election 2019 में करारी हार से कांग्रेस विचलित, कर रही नई व्‍यूह रचना,चुनावी जंग के लिए माहिर घु़ड़सवार तैयार http://www.shauryatimes.com/news/43863 Sat, 01 Jun 2019 10:45:26 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=43863 हरियाणा के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही बुरे ढंग से पराजित हो गई, लेकिन पार्टी इससे विचलित नहीं है। कांग्रेस अब अगले कुछ महीने में होनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए नई व्‍यूह रचना में जुट गई है। पार्टी के तमाम दिग्गजों पर एक बार फिर से दांव खेला जाएगा। कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव की हार को भुलाकर नए सिरे से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा है। संगठन की कमजोरी की आड़ लेने वाले पार्टी नेताओं को हाईकमान ने दो टूक कह दिया कि किसी तरह की बहानेबाजी बनाने की बजाय विधानसभा चुनाव में अच्‍छा नतीजे देने का रास्ता तैयार करें।

आलाकमान ने नेताओं को लोकसभा चुनाव की हार भुलाकर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा

दरअसल जैसे संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस हाईकमान हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर हुई हार से अधिक विचलित नहीं है। अमेठी से खुद राहुल गांधी की हार भी इसका बड़ा कारण मानी जा रही है। कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि एयर स्ट्राइक, भाजपा का राष्ट्रवाद और पुलवामा हमले की घटनाओं ने लोगों को भाजपा के हक में एकजुट कर दिया है। इन तमाम मुद्दों के चलते कांग्रेस लोगों को अपने पक्ष में खड़ा कर पाने में कामयाब नहीं हो सकी, जिसका नतीजा हार के रूप में सामने आया है।

हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों की पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में भी इन मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसके बाद हाईकमान ने कहा कि किसी को हार से विचलित होने की जरूरत नहीं है। पूरे देश में भाजपा के इस राष्ट्रवाद ने काम किया है। लिहाजा नए सिरे से चुनाव में जुटना होगा।

अशोक तंवर के नेतृत्व में बदलाव संभव नहीं, संगठन खड़ा करने की तैयारी

कांग्रेस दिग्गजों ने हरियाणा में हुई अपनी हार के लिए एक दूसरे को घेरने की रणनीति भी अपनाई, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो सके। कुछ लोगों ने राज्य में संगठन नहीं होने का मुद्दा उठाया। हाईकमान ने हालांकि इस बात को स्वीकार तो किया, लेकिन स्पष्ट तौर पर कोई दिशा निर्देश जारी करने की बजाय 4 जून को दिल्ली में फिर से होने वाली बैठक में चर्चा के लिए इसे छोड़ दिया।

कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर पर आरोप लगते रहे हैं कि अपने अब तक के कार्यकाल में वह जिला, ब्लाक और बूथ स्तर पर संगठन नहीं खड़ा कर पाए, लेकिन तंवर समर्थक इसका कारण उन्हीं नेताओं को बता रहे, जो संगठन नहीं बनने पर सवाल खड़े कर रहे हैं। तंवर समर्थकों की दलील है कि जिला व ब्लाक प्रधानों की लिस्ट कई बार फाइनल की गई, लेकिन गुटों में बंटे नेताओं ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते इस लिस्ट को कभी सिरे नहीं चढ़ने दिया। लिहाजा हर बार संगठन का काम बीच में ही अटक गया।

वोट प्रतिशत में गिरावट नहीं आने को अपने लिए नया संकेत मान रही कांग्रेस

कांग्रेस हाईकमान ने यह भी संकेत दिया है कि इस बार का विधानसभा चुनाव भी अशोक तंवर के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। राज्य में अक्टूबर में होने वाले चुनाव के लिए मात्र तीन माह का समय बचा है। ऐसे में संगठन के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव किसी सूरत में उचित नहीं होगा। अशोक तंवर को ब्लाक व जिला प्रधानों की नियुक्ति के लिए तो कहा जा सकता है, लेकिन उन्हें हटाकर किसी दूसरे नेता को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जाएगी, इसकी संभावना इसलिए कम है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी का एक भी दिग्गज हाईकमान की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। राज्य में पार्टी के जितने भी दिग्गजों ने लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकी, हर किसी की हार हुई है।

हरियाणा में कांग्रेस हाईकमान के लिए राहत की बात यह है कि उसके वोट प्रतिशत में किसी तरह की गिरावट नहीं आई है। पिछले चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत 28 था, जो इस बार के लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रहा है। भाजपा ने जरूर अपने मत प्रतिशत में बढ़ोतरी कर इसे 52 तक पहुंचा दिया है, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस के मतों में सेंध लगाने की बजाय इनेलो, जजपा, आम आदमी पार्टी, बसपा और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के मतों में भारी सेंधमारी की है। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि यदि विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के तमाम दिग्गजों पर दांव खेला जाए तो अच्छे नतीजे सामने आ सकते हैं।

4 जून को तय होगी हरियाणा कांग्रेस के संगठन की दिशा

हरियाणा के कांग्रेस नेताओं की 4 जून को दिल्ली में होने वाली बैठक में संगठन की दिशा तय होगी। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने यह बैठक बुलाई है। इस संगठन में होने वाले तमाम मुद्दों की एक रिपोर्ट तैयार कर राहुल गांधी को भेजी जाएगी। इस बैठक में अशोक तंवर के उस बयान पर भी चर्चा संभव है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया है कि लोकसभा चुनाव में कई नेताओं ने दिल से काम नहीं किया और वे कांग्रेस के टेंट की बजाय दूसरे दलों के टेंट में बैठे दिखाई दिए। अशोक तंवर का यह बयान उनकी घेराबंदी करने वाले पार्टी नेताओं के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।

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