Lucknow – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 17 Jul 2021 09:26:23 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 वकीलों के ड्रेस कोड पर हाई कोर्ट ने किया जवाब तलब http://www.shauryatimes.com/news/111338 Sat, 17 Jul 2021 09:26:22 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=111338
वकीलों के ड्रेस कोड पर हाई कोर्ट ने किया जवाब तलब

लखनऊ। वकीलों के ड्रेस कोड को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक पीआईएल दाखिल की गई। जिसमें कहा गया कि, बार कौंसिल आफ इंडिया के वर्ष 1975 में बनाया गया वर्तमान ड्रेस कोड बेतुका है। लखनऊ हाई कोर्ट ने इस पीआईएल पर संज्ञान लेते हुए बार कौंसिल आफ इंडिया, हाईकोर्ट प्रशासन व केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। जिसमें कहा गया है कि 18 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करें। यह आदेश जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की पीठ ने दिया। और लखनऊ के एक वकील अशोक पांडेय ने यह जनहित याचिका पर दायर की थी।

प्रतिशपथपत्र दाखिल करने का आदेश :- लखनऊ हाई कोर्ट में पहली सुनवाई के बाद कोर्ट ने शुक्रवार के बार कौंसिल आफ इंडिया को नोटिस जारी किया, केंद्र सरकार की ओर से पेश असिस्टेंट सालिसिटर जनरल एसबी पांडे व हाई कोर्ट प्रशासन की ओर से हाजिर अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा को मामले में अपना-अपना प्रतिशपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया।

कौंसिल आफ इंडिया करता है ड्रेस निर्धारण :- अपनी पीआईएल में याची अधिवक्ता अशोक पांडे ने कहाकि, उन्होंने अपनी याचिका में बार कौंसिल व हाईकोर्ट के उस नियम को चुनौती दी है जिसमें अधिवक्ताओं को कोर्ट रूम में काला कोट एवं गाउन व बैंड धारण करने का प्रविधान किया गया है। वकीलों के लिए ड्रेस निर्धारित करने का अधिकार बार कौंसिल आफ इंडिया के पास है। इसमें एक प्रावधान किया गया है कि, वह ड्रेस निर्धारण करते समय जलवायुवीय स्थितियों का ध्यान रखें। लेकिन बार कौंसिल ने पूरे देश में 12 महीने के लिए एक ही ड्रेस कोड का निर्धारण कर दिया। यह उचित नहीं है।

अनुच्छेद 14, 21 व 25 का उल्लंघन :- याची का कहना है कि, देश में जहां तमाम क्षेत्रों में नौ माह और कुछ क्षेत्रों में 12 माह गर्मी पड़ती है वहां काला कोट और गाउन पूरे साल भर के लिए निर्धारित करना एडवोकेट्स एक्ट के संबंधित प्रविधानों और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 21 व 25 का उल्लंघन है।

बैंड को प्रीचिंग बैंड :- वकीलों के बैंड पर पीआईएल में कहा गया है कि, ईसाई देशों में इस बैंड को प्रीचिंग बैंड कहा गया है। जिसे बड़े ईसाई धर्मगुरु तब धारण करते हैं जब वे प्रवचन देते हैं। ऐसे में यह बैंड ईसाई धर्म का आवश्यक प्रतीक चिह्न है। जिसे अन्य धर्मों के वकीलों को पहनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

भीषण गर्मी में काला कोट न बाबा न :- पीआईएल में कहा कि, भीषण गर्मी के मौसम में एक पागल भी काला कोट व गाउन न पहने, किंतु लम्बे समय से चली आ रही परंपरा को मानने में कुछ वकील व न्यायाधीश फख्र समझते हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का स्‍वास्‍थ्‍य पहले से बेहतर http://www.shauryatimes.com/news/111265 Fri, 16 Jul 2021 09:24:24 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=111265
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का स्‍वास्‍थ्‍य पहले से बेहतर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के स्‍वास्‍थ्‍य में निरंतर सुधार हो रहा है और उनकी सेहत पहले से बहुत बेहतर है।

लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के ‘क्रिटिकल केयर मेडिसिन’ के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में कल्याण सिंह (89) भर्ती हैं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उनका उपचार चल रहा है।

एसजीपीजीआई द्वारा शुक्रवार पूर्वाह्न ग्यारह बजे जारी बुलेटिन में बताया गया, ‘आज कल्‍याण सिंह की स्थिति पहले से बहुत बेहतर है और उनके स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है, वह बातचीत भी कर रहे हैं। हृदयरोग, तंत्रिका रोग, मधुमेह रोग और गुर्दा रोग विशेषज्ञ समेत वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम उनके उपचार में जुटी है। विशेषज्ञ महत्वपूर्ण मानदंडों और उनकी दैनिक जांच पर नजर रख रहे हैं।’’

एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आर के धीमान स्वयं उनके इलाज की निगरानी कर रहे हैं। सिंह पिछले 21 जून को अनियंत्रित रक्त शर्करा और रक्तचाप आदि की शिकायत के बाद डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में भर्ती हुए थे। संस्थान के अनुसार तीन जुलाई की रात में रक्तचाप अत्यधिक बढ़ने के कारण कल्‍याण सिंह को दिल का हल्का दौरा पड़ा, जिसके कारण उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था। इसके बाद चार जुलाई को उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था।

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नव वर्ष के पहले दिन सबसे अधिक गलन भरी रही राजधानी लखनऊ http://www.shauryatimes.com/news/96864 Fri, 01 Jan 2021 20:46:22 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=96864 लखनऊ। नये साल आने पर रात में प्रदेशवासी जश्न मना रहे ​थे और इसी बीच बर्फीली हवाओं की रफ्तार तेज हो गयी। इन हवाओं की तेजी से प्रदेश के अधिकांश जनपदों में कोल्ड डे की स्थिति बन गयी और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक ठंढ रही। सुबह जब लोग जगे तो उनके हाथों पर पानी बर्फ के समान रहा। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में स्थानीय स्तर पर हल्की बारिश की संभावना है, जिससे शीतलहर से फिलहाल लोगों को निजात नहीं मिल सकेगी। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन दिनों जगह-जगह भारी हिमपात हो रहा है। इसका असर मैदानी क्षेत्रों में भी पड़ रहा है और नये साल के आगाज पर देर रात उत्तर पश्चिम दिशा से चलने वाली बर्फीली हवाओं की रफ्तार तेज हो गयी। यह हवाएं उत्तर प्रदेश सहित बिहार की राजधानी पटना तक अपना कहर बरपायीं। इससे रात में नये साल का जश्न मना रहे लोगों के हाड़ कांप गये। कड़ाके की सर्द हवा के बीच बच्चे व बुजुर्ग रजाई में ही दुबके रहे और सुबह पानी इतना ठंडा रहा कि उसे छूने पर ऐसा लग रहा था जैसे बर्फ का टुकड़ा हाथ में ले लिया हो। इसके साथ ही शुक्रवार का दिन कोहरे के धुंध के साथ निकला और सड़कों पर वाहन रेंगते दिखे।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. एसएन पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि तापमान गिरने का एक कारण हवा का बदलाव भी है। हवाओं की दिशाएं दो दिन से उत्तरी पश्चिमी चल रही हैं और नये साल के आगाज पर देर रात से इनकी रफ्तार तेज हो गयी। इन बर्फीली हवाओं के चलने से उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जनपदों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चला गया, जिससे लोग गलन भरी ठंड से सिहर उठे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक गलन रही। यहां का न्यूनतम तापमान 0.05 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। बताया कि उत्तर प्रदेश में मौसम आगामी दो से तीन दिनों तक मुख्यतः शुष्क रहेगा। उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर घना या अत्यधिक घना कोहरा पड़ने की संभावना है। बताया कि पश्चिमी प्रदेश में एक या दो स्थानों पर शीत लहर से तीव्र शीत लहर बने रहने की संभावना है। इसी तहर पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर शीत लहर बने रहने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर शीत दिवस से तीव्र शीत दिवस बने रहने की संभावना है। इसके साथ ही तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्तर पर हल्की बारिश की भी संभावना है।

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SGPGI लखनऊ का गौरवशाली इतिहास, विगत 37 वर्षाें में स्थापित की पहचान : योगी http://www.shauryatimes.com/news/94284 Mon, 14 Dec 2020 21:22:49 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=94284 उल्लेखनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों को पुरस्कृत किया
सीएम योगी ने एसजीपीजीआईके 37वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित किया

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एस0जी0पी0जी0आई0), लखनऊ का गौरवशाली इतिहास रहा है। विगत 37 वर्षाें में इस संस्थान ने प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी अपनी पहचान स्थापित की है। इस संस्थान के चिकित्सकों, रेजीडेंट्स के प्रति लोगों में विशेष भाव है। उन्होंने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ की लम्बी यात्रा शेष है। इसके दृष्टिगत संस्थान को अपने आपको तकनीकी रूप से अद्यतन करते हुए भावी चुनौतियों के लिए तैयार करना चाहिए। मुख्यमंत्री सोमवार को यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 37वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बेस्ट रिसर्च पेपर के लिए संस्थान के विभिन्न फैकल्टी मेम्बर्स को सम्मानित किया। उन्होंने उल्लेखनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के 06 मेडिकल काॅलेजों में टेलीमेडिसिन आई0सी0यू0 की स्थापना हेतु पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया लि0 एवं एस0जी0पी0जी0आई0 के मध्य एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान हुआ। एम0ओ0यू0 के माध्यम से पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया द्वारा काॅरपोरेट सोशल रिस्पाॅन्सबिलिटी के अन्तर्गत 07 करोड़ रुपये की धनराशि एस0जी0पी0जी0आई0 को इस परियोजना के लिए प्रदान की गयी है।

सीएम योगी ने टेलीमेडिसिन आई0सी0यू0 की स्थापना धनराशि प्रदान करने के लिए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया लि0 को धन्यवाद देते हुए कहा कि टेलीमेडिसिन वर्तमान समय की आवश्यकता है। प्रदेश में कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में इसकी उपयोगिता महसूस की गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए प्रत्येक जनपद में डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों की स्थापना करायी गयी। इसके लिए अस्पतालों की थ्री-टायर व्यवस्था की गयी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 तथा आर0एम0एल0 आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा ई-आई0सी0यू0 संचालित किये गये, जिससे कोविड-19 के उपचार में बहुत लाभ हुआ। सीएम ने कहा कि जहां सम्भावनाएं होती हैं, वहीं अपेक्षाएं भी होती हैं। एस0जी0पी0जी0आई0 से लोगों को बड़ी अपेक्षा है। संस्थान को अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पूर्ण प्रयास करते हुए भावी पीढ़ी के लिए उदाहरण कायम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनपद गोरखपुर व रायबरेली में शीघ्र ही एम्स पूरी तरह संचालित हो जाएंगे। एम्स के समकक्ष ही बी0एच0यू0, वाराणसी भी विकसित किया जा रहा है। साथ ही, कई अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान भी स्थापित किये जा रहे हैं। एस0जी0पी0जी0आई0 को इन संस्थानों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करनी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 को ‘आयुष्मान भारत’ जैसी शासन की योजनाओं से जुड़कर जनता को चिकित्सा सुविधाएं सुलभ करानी चाहिए। अभी तक संस्थान द्वारा आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 740 से अधिक रोगियों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया है। बिना किसी भेदभाव के अधिक से अधिक रोगियों को इस योजना से लाभान्वित करने के लिए एस0जी0पी0जी0आई0 को कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा कोविड-19 के दौरान संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए अपने ट्राॅमा सेन्टर को शीघ्रता से राजधानी कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर रोगियों को सराहनीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं को तत्परता से बढ़ाया जाना चाहिए। हिपेटोलाॅजी विभाग को कार्यशील किये जाने के साथ ही लिवर ट्रांसप्लाण्ट, हार्ट ट्रांसप्लाण्ट जैसी अंग प्रत्यारोपण सुविधाएं शीघ्र प्रारम्भ की जानी चाहिए। यहां पर डायबिटीज के रोगियों के लिए सेन्टर की स्थापना का कार्य भी त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों का वृहद तंत्र विकसित किया गया है। आजादी के बाद वर्ष 1947 से 2017 तक प्रदेश में 12 मेडिकल काॅलेज थे। विगत 03 वर्षाें में 30 नये मेडिकल काॅलेज बनाये जा रहे हैं। प्रत्येक जनपद में लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्सेज उपलब्ध करायी गयी हैं। जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया गया है। इसके फलस्वरूप प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के विरुद्ध प्रभावी संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और उपचार के प्रभावी प्रयासों की सराहना डब्ल्यू0एच0ओ0 द्वारा भी की गयी है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना काल में एसजीपीजीआई द्वारा प्रशंसनीय कार्य किया गया है। एस0जी0पी0जी0आई0 की सफलता में मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन एवं संस्थान के चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की साधना और समर्पण की भूमिका है। उन्हांेने कहा कि एसजीपीजीआई को अनुसंधान कार्याें पर विशेष ध्यान देना चाहिए। राज्य सरकार संस्थान को आगे बढ़ाने में सक्रिय सहयोग करेगी। कार्यक्रम को इण्डियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च के डीजी प्रो0 बलराम भार्गव ने वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया। कार्यक्रम मेें अतिथियों को स्वागत एसजीपीजीआई के डायरेक्टर डाॅ0 आरके धीमन ने किया। उन्होंने एसजीपीजीआई की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के संकायाध्यक्ष एसके मिश्र ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। स अवसर पर चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे सहित वरिष्ठ अधिकारी, एसजीपीजीआई के फैकल्टी मेम्बर्स व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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राजधानी लखनऊ में बड़ी वारदात, मार्निंग वॉक पर निकले हिन्दूवादी नेता को गोलियों से भून डाला http://www.shauryatimes.com/news/76909 Mon, 03 Feb 2020 08:41:04 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=76909

ओसीआर बिल्डिंग में रहते थे गोरखपुर निवासी रणजीत बच्चन
गोली लगने से भाई भी हुआ घायल, ट्रामा में चल रहा उपचार

लखनऊ : हजरतगंज क्षेत्र में मार्निंग वॉक पर निकले विश्व हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन की रविवार सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। वारदात के समय मौसेरे भाई आदित्य और पत्नी कालिंदी के साथ थे। बाइक सवार बदमाशों ने रणजीत और आदित्य पर असलहा तानकर उनका मोबाइल फोन लूट लिया। विरोध पर रणजीत पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगने से रणजीत ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि आदित्य के हाथ में गोली लगने से वह घायल हो गया। वहीं, वारदात की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने जांच पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ज्वाइंट कमिश्नर नवीन अरोड़ा ने बताया कि करीबियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

मूल रूप से गोरखपुर के अहिरौली अरहनगर निवासी रणजीत बच्चन ओसीआर बिल्डिंग के बी ब्लॉक में रहते थे। रोज की तरह रविवार सुबह वह मौसरे भाई आदित्य और पत्नी कालिंदी के साथ मार्निंग वॉक पर निकले थे। परिवर्तन चौक के पास कालिंदी पति रणजीत से आगे निकल गयींए जबकि आदित्य उनके साथ था। तभी पीछे से आए बाइक सवार एक बदमाशों ने रणजीत और आदित्य पर असलहा तानकर उनका मोबाइल फोन लूट लिया। विरोध करने पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस दौरान रणजीत के चेहरे पर सिर में गोली लगने से वह जमीन पर लहूलुहान होकर गिर गए, जबकि आदित्य के हाथ में गोली लगी, जिससे वह घायल हो गए। उधर गोलियों की आवाज सुनकर पत्नी कालिंदी ने पीछे मुड़कर देखा तो पति रणजीत जमीन पर खून से लथपथ पड़े हुए थे, जबकि आदित्य भी लहूलुहान था। वहीं हाथ में गोली लगने से घायल आदित्य ने शोर मचाकर मदद मांगी। पुलिस कमिश्नर समेत बड़ी संख्या में फोर्स ने घटना स्थल का मुआयना किया। मौके से पुलिस को कुछ खोखे मिले हैं। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से हत्यारों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही कुछ करीबियों से पुलिस पूछताछ कर ब्योरा जुटा रही है।

पूर्व पत्नी और साली ने दर्ज कराया था मुकदमा

विश्व हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन के खिलाफ उनकी साली ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था। 2017 में गोरखपुर के शाहगंज थाने में मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान दुष्कर्म की धारा भी बढ़ाई गई थी। बताया जा रहा है कि रणजीत ने तीन शादी की थी। पहली पत्नी स्मृति गोरखपुर में रहती है, जिनसे दो दिन पहले मिलने भी गए थे। पहली शादी परिजनों ने काफी पहले करा दी थी, जिसके बाद रणजीत ने दो शादियां की थीं। जिसमें पहली पत्नी कालिंदी और दूसरी स्मृति हैं। बताया जा रहा है कि रणजीत का स्मृति से कुछ पारिवारिक विवाद भी चल रहा था। स्मृति ने गोरखपुर में पति के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने स्मृति से भी पूछताछ की है और हत्या के पीछे छिपे कारण का पता लगा रही है।

पत्नी के साथ निकाली थी साइकिल यात्रा

बताया जा रहा है कि रणजीत ने पत्नी कालिंदी के साथ 2002 और 2009 के बीच साइकिल यात्रा निकाली थी, जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था। बाद में उन्होंने विश्व हिंदू महासभा नाम से संगठन बनाया था। पति पत्नी के बीच कोई पारिवारिक विवाद तो नहीं था, उस पर भी पुलिस की नजर है और लूट की घटना को भी देखा जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है। सिविल पुलिस क्राइम ब्रांच की आठ टीमें घटना की जांच कर रही हैं।

लापरवाही के आरोप में चार पुलिसकर्मी निलंबित

घटना के बाद पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में हजरतगंज कोतवाली के केडी सिंह बाबू स्टेडियम चौकी इंचार्ज संदीप तिवारी समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय के मुताबिक हत्या के पीछे रंजिश, लूट, पारिवारिक विवाद समेत अन्य बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है। जल्द ही वारदात का राजफाश कर दिया जाएगा।

संदिग्धों की मिली फोटो, 50 हजार का इनाम

राजधानी में हुई विश्व हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत हत्‍याकांड मामले में संदिग्ध कंबल ओढ़े घटनास्‍थल के पास लगे सीसी कैमरे में कैद हुए हैं। पुलिस संदिग्ध की तलाश में लगी है। आशंका जताई जा रही है कि संदिग्ध ही मुख्‍य आरोपित है। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने संदिग्‍ध की पहचान कर सूचना देने वाले को 50 हजार के इनाम की घोषणा की है, जिसके तहत मोबाइल नंबर 9454400137 और ईमेल आईडी cplkw137@gmail.com जारी किया है। साथ ही सूचना देने वाले शख्‍स का नाम व पहचान गोपनीय रखा जाएगा।
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संसदों के पारस्परिक विचार-विनिमय और अनुभवों के आदान-प्रदान से सुगम होगी लोकतांत्रिक प्रणाली http://www.shauryatimes.com/news/75167 Tue, 21 Jan 2020 16:19:51 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=75167 नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी का उद्बोधन भाषण (16 जनवरी 2020)
7वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, भारत प्रक्षेप सम्मेलन, 2020 यूपी, लखनऊ

लखनऊ : राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, भारत प्रक्षेप के 7वें सम्मेलन के उट्घाटन अवसर पर मैं आप सभी महानुभाव का उत्तर प्रदेश में स्वागत करता हूं| इस सम्मेलन में आप सभी के बीच आकर मुझे हार्दिक प्रसन्ता हो रही है, इस अवसर उत्तर प्रदेश के संसदीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है! राष्ट्रमंडल संसदीय संघ द्वारा लोकतांत्रिक प्रणालियों को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किए जा रहे ऐसे सम्मेलन कार्यक्रमों की मैं सराहना करता हूं! मुझे विश्वास है कि राष्ट्रमंडल देशों की संसदों के पारस्परिक विचार-विनिमय और अनुभवों के आदान-प्रदान से लोकतांत्रिक प्रणाली को जनकल्याणर्थ कार्य करने में और सुगमता होगी! भारत देश का इतिहास मानवतावादी सिद्धांतों पर हमेशा आधारित है! गुरुदेव श्री रविंद्र नाथ टैगोर जी ने अपनी एक पुस्तक बांग्ला भाषी भारत इतिहास में लिखा है कि ‘भारत ने हमेशा एक समावेशी सभ्यता की न्यू रखी है उसने कभी किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं भगाया है, कभी किसी को गैर आर्यन कहने वाले किसी व्यक्ति को अपवित्र नहीं किया है उसने किसी का भी मजाक नहीं बनाया है! भारत ने सभी को स्वीकार किया है।

उत्तर प्रदेश विधान मंडल देश का सबसे बड़ा विधानमंडल है भारतीय राजनीति, संस्कृति और सामाजिक पटल पर उत्तर प्रदेश की विशिष्ट भूमिका रही है स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए प्राकृतिक अधिकार का उल्लेख फ्रांस की क्रांति के प्रणेता रूसो ने किया था! सन 1857 की आजादी की पहली लड़ाई के बाद प्रत्येक मंच से भारतीयों ने इसकी मांग की थी! इसी कड़ी में ब्रिटेन की महारानी ने इंडियन काउंसिल एक्ट 1861पारित कर काउंसिल का गठन किया जिसमें नॉर्थ-वेस्टर्न प्रांविसेज एण्ड अवध नाम दिया गया था और आजादी के बाद इसे बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया था उत्तर प्रदेश विधानमंडल का प्रथम गठन था! स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व की मांगों को लेकर हमने आजादी प्राप्त की थी! आजादी के बाद बनाए गए संविधान में या आत्मरूप मे विद्यमान है

भारत के संविधान का स्वरूप गणतंत्रीय तथा ढांचा संघीय है और उसमें संसदीय प्रणाली के प्रमुख तत्व विद्यमान हैं! हमारे संविधान में विधि -सम्मत शासन की व्यवस्था है !भारत की संसदे चाहे लोकसभा हो, राज्यसभा हो या राज्यों की विधानसभा एवं विधान परिषद की संसदे हो , सभी एक लिखित संविधान की सीमाओं में कार्य करती है! इनके विधायी प्राधिकार पर दो प्रकार की सीमाएं हैं एक तो यह है कि संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा किया गया है दूसरी यह है कि संविधान में न्याय, मौलिक अधिकारों का समावेश है तथा न्यायिक पुनरीक्षण का प्राविधान है जिसका अर्थ है कि संसद द्वारा पारित सभी विधिया अनिवार्यत: संविधान के उपबंधों के अनुरूप होनी चाहिए हमारे संविधान में नागरिकों को मूल अधिकार दिए गए हैं धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद करने की मनाही की गई है सभी को समता का अधिकार दिया गया है वाक -स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया गया है और संविधान के अनुच्छेद 13 में स्पष्ट कर दिया गया है कि `´ऐसी कोई नीति नहीं बनाई जाएगी जो इन अधिकारों को छीनती हो या न्यून करती हो ऐसी प्रत्येक नीति उल्लंघन की मात्रात्मक शून्य होगी”

हमारा संविधान “वसुधैव कुटुम्बकम “की हमारी मूल संस्कृति पर आधारित है वर्ष- 1893 में शिकागो में स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि “मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सही सहिष्णुता और सर्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है हम सिर्फ सर्वभौमिक सहिष्णुता पर ही विश्वास नहीं करते बल्कि, हम सभी धर्मों को सच के रूप में स्वीकार करते हैं! “मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है! मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने अपने हृदय में उन इज़रालि यों की पवित्र स्मृतिया संजोकर रखी है, जिसके धर्म स्थलों को रोमन हमलावरों ने तोड़ -तोड़कर खंडहर बना दिया था और तब उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली थी!”

संसद का प्रत्येक सदस्य लोकसभा या राज्यसभा का अथवा किसी राज्य की विधान सभा विधान परिषद का वह पूरे देश का या राज्य का प्रतिनिधि होता है चुने जाने के बाद उसका कर्तव्यों का दायरा व्यापक हो जाता है इसीलिए भारतीय संविधान में उन्हें अनुच्छेद 105 और 194 में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है ताकि वह जनता की समस्याओं को सदन में रख सके! संसद लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है उसका मूलभूत कार्य है कि वह सभी कार्यों में कार्यपालिका की जवाबदेही तय करें !संसद को सरकारी कार्यों की निगरानी करने और कार्यपालिका पर सतत नजर रखने में समर्थ होना चाहिए इसलिए प्रत्येक संसद के सदस्यों को संवैधानिक रूप से अन्य तमाम नियमों के माध्यम से कार्यपालिका द्वारा किए गए नीति निर्धारण पर अपने विचार व्यक्त करने और आवश्यकतानुसार संशोधन सुझाने की स्वतंत्रता और जनादेश प्राप्त है!

संसदीय प्रणाली में विपक्ष की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है सदन में यदि विपक्ष ना हो तो सत्तापक्ष के स्वेच्छाचारी होने की संभावना बनी रहती है! विपक्ष सदन में प्रश्न पूछ कर, विभिन्न नियमों में प्रस्ताव लाकर बजट में कटौती प्रस्ताव लाकर सत्ता पक्ष को चौकन्ना रखता है! जनहित के कार्यों के लिए सचेस्ट करता रहता है! विपक्ष नागरिकों के अधिकारों का सर्वश्रेष्ठ संरक्षक होता है! पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने कहा था कि “संसदीय प्रणाली में न केवल सशक्त विरोधी पक्ष की आवश्यकता होती है ना केवल प्रभावोत्पादक ढंग से अपना विचार व्यक्त करना होता है बल्कि सरकार और विरोधी पक्ष के बीच सहयोग का आधार भी अति आवश्यक होता है किसी एक विषय के सम्बन्ध में ही सहयोग काफी नहीं है बल्कि संसद के काम को आगे बढ़ाने का आधार परस्पर सहयोग ही है और जहां तक हम ऐसा करने में सफल होंगे वहां तक हम संसदीय -तंत्र की ठोस नींव रखने में सफल होंगे”

ऐसे तमाम उदाहरण भी मौजूद हैं जब अध्यक्ष पीठ से विपक्ष को संरक्षण देकर स्वस्थ संसदीय प्रक्रिया स्थापित की गई है! उदाहरण तौर पर मैं बताना चाहता हूं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की ओर से स्वायत्त शासन मंत्री श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित को एक सरकारी संकल्प प्रस्तुत करना था !सदस्यों को इसकी पूर्व सूचना नहीं थी सदन में विपक्ष ने इस पर आपत्ति उठाई तो तत्कालीन स्पीकर राजर्षि टंडन जी ने विपक्ष की आपत्ति में बल पाया और संकल्प को 2 दिन बाद प्रस्तुत करने का निर्देश दिया! संसदीय प्रणाली में सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी होती है और प्रतिपक्ष का दायित्व है कि वह सरकार को असफलताओं और, अकर्मण्यताओ और विफलताओं को प्रकाशित करें! पक्ष और विपक्ष दोनों ही देश और समाज के प्रति उत्तरदायी हैं! स्वस्थ संसदीय प्रणाली के लिए आवश्यक है कि सदन में प्रत्येक जनप्रतिनिधि को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए!

सदन में उठाए जाने वाले मामले जनता के होते हैं न कि किसी दल के वर्तमान में इसमे निरंतर हास्य होता नजर आ रहा है लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष दादा साहब गणेश वासुदेव मावलंकर जी के विचारों से पूर्णत: सहमत हूं कि सच्चे लोकतंत्र के लिए व्यक्ति को केवल संविधान के उपबंधों अथवा विधानमंडल में कार्य संचालन हेतु बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुपालन तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि विधान मंडल के सदस्यों में लोकतंत्र की सच्ची भावना भी विकसित करनी चाहिए! यदि इस मौलिक तथ्य को ध्यान में रखा जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि यद्यपि मुद्दों पर निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाएगा, फिर भी यदि संसदीय सरकार का कार्य केवल उपस्थित सदस्यों की संख्या और उनके मतों की गिनती तक ही सीमित रखा गया तो इसका चल पाना संभव नहीं हो पाएगा! यदि हम केवल बहुमत के आधार पर कार्य करेंगे तो यह फासिज्म हिंसा और विद्रोह के बीज बोयेंगे! यदि इसके विपरीत हम सहनशीलता की भावना, स्वतंत्र रूप से चर्चा की भावना और समझदारी की भावना विकसित कर पाए तो हमें लोकतंत्र की भावना को पोषित करेंगे! मैं एक बार अपने इस सम्मेलन के सभापति तथा यहां उपस्थित सभी महानुभाव एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत करता हूं तथा सम्मेलन की सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं!

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