mahendra pandey – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 14 Feb 2019 18:41:14 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 महेन्द्र पाण्डेय बोले, मुलायम भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता http://www.shauryatimes.com/news/32198 Thu, 14 Feb 2019 18:41:14 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=32198 वाराणसी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष और चंदौली के सांसद डॉ.महेन्द्र नाथ पांडेय ने समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का जमकर तारीफ की है। प्रदेश अध्यक्ष ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व की सरकार की तारीफ करने पर यादव का आभार भी जताया है। गुरुवार को शहर में आये प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। मुलायम सिंह अध्‍यापक बनने के बाद समाजवादी पुरोधा लोहिया के साथ भी रहे। उन्होंने देश के विकास की गति देखी है। पीएम मोदी पर बयान के बाद मुलायम सिंह यादव का कद देश और दुनिया में बहुत बढ़ गया है।

सपा के कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खान के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव का दर्द आजम खान से बेहतर कौन जान सकता है। आजम खान से यदि कोई अकेले में बात करे तो उनका भी यही दर्द (नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें) है। प्रदेश में सपा बसपा के गठबंधन और चुनावी बैठकों से जुड़े सवाल पर डॉ. पांडेय ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश ने पार्टी को धन, दौलत लूटपाट करने वाली बसपा मुखिया मायावती के हाथों में सौंप दिया है। सभी लोगों में प्रधानमंत्री मोदी से घबराहट हैं। उन्हें रोकने के लिए बैठकें कर रहे हैं। विपक्षी जितना मोदी को रोकेंगे, उतना जनता हमारे साथ होती जायेगी।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के लखनऊ में चुनावी बैठक करने और शिवपाल यादव की उनसे मुलाकात पर पांडेय ने कहा स्वाभाविक प्रक्रिया है, गठबंधन होने दीजिये भाजपा को फर्क नहीं पड़ता। चुनाव का वर्ष है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी बैठक करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर प्रियंका गांधी बैठक कर रही हैं तो इसमें गलत क्या है। जहां तक शिवपाल की बात है तो वे चुनाव के पहले अपने लिये छांव-ठिकाना ढूंढ रहे हैं। एक सवाल के जबाब में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को कोई गम्भीरता से नहीं लेता। उन्होंने दिल्ली में चुनाव पूर्व किये अपने वादों का दस प्रतिशत कार्य भी नहीं किया है।

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