Maintaining Indianness is the responsibility of cinema – Venkaiah – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 23 Dec 2019 10:50:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 भारतीयता को कायम रखना सिनेमा की जिम्मेदारी –वेंकैया नायडू http://www.shauryatimes.com/news/70809 Mon, 23 Dec 2019 10:49:54 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=70809 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैय़ा नायडू ने कहा कि भारतीयता को कायम रखने की दिशा में सिनेमा अहम भूमिका निभा सकता है और यह उसकी जिम्मेदारी भी है। आज के पुरस्कार समारोह में भी साबित हो गया कि देश के फिल्मकारों में बहुमुखी प्रतिभा है, वे हर तरह के सामाजिक विषयों पर फिल्में बना रहे हैं। फिर चाहे वो महिला सशक्तिकरण पर बनाई गई गुजराती फिल्म हेल्लारो हो जिसमें 13 महिलाओं की प्रेरक कहानी है। सभी फिल्मी हस्तियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा समाज का आइना है और इस पर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने की भारी जिम्मेदारी भी है। सिनेमा को हमारे देश की सबसे अनोखी बात संयुक्त परिवार प्रणाली को बनाए रखने पर भी फिल्में बनानी चाहिए क्योंकि यह हमारे देश की संस्कृति का सबसे प्यारा पहलू है।

प्रादेशिक भाषाओं की फिल्मों को तरजीह देने पर जोर देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रादेशिक भाषा हमारे लिए नेत्रों की तरह है और दूसरी भाषा चश्मों की तरह। इसलिए हमें अपने नेत्रों को संभाल कर रखने का दायित्व है और इस काम में भारतीय सिनेमा बखूबी अपना रोल निभा सकती है। इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार विक्की कौशल और आयुष्मान खुराना को दिया। अभिनेता अक्षय कुमार को उनकी फिल्म पैड मैन को सर्वश्रेष्ठ समाजिक सरोकार वाली फिल्म के लिए रजत कमल अवार्ड दिया गया। मलयालम फिल्म महानति के लिए कीर्ती सुरेश को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड दिया गया।

इस मौके पर केन्द्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि फिल्म निर्माता भी नए दुनिया का निर्माण करने वाले सिद्ध होते हैं क्योंकि फिल्में जिंदगी पर प्रभाव डालते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने ने भी वर्ष 1989 से लेकर 1995 तक पार्टी के लिए फिल्में बनाई हैं। इसी अनुभव को सांझा करते हुए उन्होंने कहा कि फिल्में बनाने के लिए लगन, प्रतिभा और अनुशासन की आवश्यकता होती है और यहां पुरस्कार पाने वाले सभी हस्तियों ने यह साबित भी किया है। मेंढक, कछुएं, पानी की समस्या पर बनी पर्यावरण विषयों की फिल्मों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा शगल है। भारत के पास थियेटर और फिल्म जैसे सशक्त माध्यम है जिससे दुनिया में भी खूब पहचान मिली है। इस मौके पर सूचना प्रसारण मंत्री ने दो घोषणाएं भी की। एक विदेशी फिल्मों की भारत में होने वाली शूटिंग को आसान बनाने के लिए फिल्म डिविजन में सिंगल विंडो तैयार किया गया है। दूसरा विश्व में भारतीय फिल्मों का एक बड़ा बाजार है इसे और बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

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