maya-akhilesh GUTHBHADHN – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 06 Jan 2019 12:57:18 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 गठबंधन तय लेकिन दोनों दलों के सामने होंगी ये चुनौतियां! http://www.shauryatimes.com/news/26389 Sun, 06 Jan 2019 12:57:18 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=26389 लखनऊ : 24 साल पहले सपा-बसपा (SP-BSP) ने यूपी की सियासत में अपनी ताकत को सपा से जोड़कर दमखम दिखाया था। एक बार फिर नई सोशल इंजीनियरिंग के साथ यह दोनों पार्टियां भाजपा के खिलाफ आ रही हैं। इस बार चुनावी जंग में अखिलेश व मायावती संग नजर आएंगे। माना जा रहा है कि इन दलों का वोट बैंक (दलित, पिछड़ा व मुस्लिम) भाजपा के लिए बड़े खतरे की घंटी है। पर, भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शोहरत व मुख्यमंत्री के काम पर भरोसा है और वह पिछड़े व दलित वोटों को लुभाने की खासी कोशिश कर रही है।

पर, इसके अलावा भी भाजपा को गठबंधन की काट के लिए कई जतन की जरूरत है।इस बार चुनावी जंग में अखिलेश व मायावती संग नजर आएंगे जैसा कि पिछले चुनाव में राहुल गांधी व अखिलेश साथ दिखे थे। चुनाव नतीजे इस बात की तस्दीक करते हैं कि इन दलों की मिलीजुली ताकत भाजपा की ताकत पर भारी पड़ सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 71 सीटें तो जीत लीं लेकिन सपा-बसपा को मिला वोट प्रतिशत भी करीब उतना ही है जितना भाजपा को मिला था। यह तब है जब कांग्रेस व रालोद का वोट इसमें शामिल नहीं है।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 312 सीटें जीत कर पूरे यूपी में परचम जरूर फैलाया लेकिन सपा-बसपा का वोट भाजपा से ज्यादा ही रहा। सपा तो 403 के बजाए 311 पर ही लड़ी।माना जा रहा है कि सपा को बसपा का साथ मिलने का खासा फायदा होगा। चूंकि बसपा अपने दलित वोट आसानी से सहयोगी दल को शिफ्ट करा सकती है। फूलपुर व गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा ने इसी का लाभ लेते हुए भाजपा से यह दोनों सीटें छीन लीं और यही सपा बसपा गठजोड़ की ताकत का अहसास भाजपा को हुआ।

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