Medical Colleges Found in Strengthening FRU: Dr. Dinesh Baswal – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 02 Feb 2020 18:00:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 एफआरयू के सुदृढ़ीकरण में मेडिकल कालेजों का मिला साथ : डॉ.दिनेश बसवाल http://www.shauryatimes.com/news/76836 Sun, 02 Feb 2020 18:00:34 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=76836

आल इण्डिया कांग्रेस ऑफ़ आब्सट्रेकटिस एण्ड गायनेकोलोजी में एफआरयू के सुदृढ़ीकरण में आरआरटीसी की भूमिका पर परिचर्चा

लखनऊ : कांशीराम सांस्कृतिक स्थल (स्मृति उपवन) में आयोजित पांच दिवसीय आल इण्डिया कांग्रेस ऑफ़ आब्सट्रेकटिस एंड गायनेकोलोजी में उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपी टीएसयू) ने प्रथम संदर्भन इकाइयों (एफआरयू) के सुदृढीकरण में रीजनल रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर (आरआरटीसी) की भूमिका पर परिचर्चा की। इस अवसर पर भारत सरकार के डिप्टी कमिश्नर डॉ.दिनेश बसवाल ने कहा कि देश में पहली बार मेडिकल कालेजों और स्वास्थ्य विभाग का सम्मिलित रूप से किया गया, यह सबसे सफल प्रयास है। इसके तहत ब्लाक, तहसील व जिला स्तरीय अस्पतालों के चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण देकर और मेंटरिंग (हैण्ड होल्डिंग सपोर्ट) करके आपात स्थिति को संभालने और सुरक्षित प्रसव की बारीकियां सिखाई गयी हैं। इससे उनका हौसला बढ़ा है। इस अभिनव प्रयोग का परिणाम रहा कि अब प्रथम संदर्भन इकाइयों पर सिजेरियन प्रसव भी कराये जा रहे हैं। यूपी के इस माडल को अब हम लोग अन्य राज्यों में भी लागू कर सकते हैं। डॉ उषा गंगवार, महाप्रबंधक, मातृत्व स्वास्थ्य, यूपीएनएचएम ने कहा कि आरआरटीसी माडल यूपी के 25 जिलों से विस्तारित कर पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए प्रयास करूंगी।

सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा विश्वास, चिकित्सकों का बढ़ा हौसला

क्वीन मेरी की विभागाध्यक्ष डॉ विनीता दास ने कहा कि रीजनल रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर की तरफ से चिकित्सकों की ट्रेनिंग और कार्यस्थल पर मेंटरिंग से प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में परिवर्तन आया है। इससे सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। आरआरटीसी-एफआरयू कार्यक्रम को सफल बनाने में मेडिकल कालेज अहम् भूमिका निभा रहे हैं। इस कार्यक्रम से प्रदेश के आठ मेडिकल कालेज के फैकल्टी सदस्य जुड़े हैं जो 25 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों (एचपीडी) में काम्प्रेहेंसिव इमरजेंसी आब्सट्रेस्टिक केयर (सीमाक) सेवाओं को मजबूत बनाने में बेहतरीन कार्य किया है। बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन से डॉ.देवेंद्र खंडैत ने उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में यूपी टीएसयू के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि मेडिकल कालेज, एनएचएम और जिले की महिला चिकित्सकों ने महिलाओं को स्वस्थ रखने का जो बीड़ा उठाया है वह महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस अवसर पर टीएसयू के अधिशाषी निदेशक डॉ. वसंत कुमार और जसजीत कौर एएमडी, यूपीएनएचएम भी उपस्थित रहीं।

बीएचयू की डॉ अंजलि ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से सोनभद्र और मिर्जापुर में कार्य करना बहुत कठिन है। लेकिन नर्स मेंटर की मदद से ही प्रतिकूल परिस्थिति में भी पीपीएच और एक्लेमसिया के मामले अब आसानी से संभाले जा रहे हैं। वहीं डॉ सविता भट्ट ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से श्रावस्ती, बलरामपुर और बहराइच निचले पायदान पर था। इन जिलों में महिला डॉक्टरों की तैनाती कम है। लेकिन नर्स मेंटर के आने से महिला डॉक्टर के अलावा पुरुष डॉक्टर भी अब बेहतरीन कार्य कर रहे हैं।    परिचर्चा का संचालन यूपी टीएसयू के डॉ.विद्युत सरकार ने किया। कार्यक्रम के आखिर में यूपी टीएसयू की डॉ. सीमा टंडन ने परिचर्चा में भाग लेने के लिए सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

चिकित्सकों को किया सम्मानित

परिचर्चा के बाद यूपी टीएसयू के ‘बडी-बडी’ माडल के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 12 चिकित्सकों को एएमडी जसजीत कौर और डॉ चंद्रावती, ओर्गानाइसिंग चेयरपर्सन, एआईसीओजी—2020 ने सम्मानित किया गया। परिचर्चा के दौरान आठ मेडिकल कालेजों के नोडल फैकल्टी सदस्य और उच्च प्राथमिकता वाले जिलों की एफआरयू से चैम्पियन विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।
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