Myanmar government stops oppression of Rohingyas: UN General Assembly – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 28 Dec 2019 08:26:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 म्यांमार सरकार रोके रोहिंग्याओं पर जुल्म ज्यादती : संयुक्त राष्ट्र महासभा http://www.shauryatimes.com/news/71534 Sat, 28 Dec 2019 08:26:27 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=71534 न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को म्यांमार में मानवीय अधिकारों की अनदेखी किये जाने की कड़ी निंदा करते हुए अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के प्रति हो रही ज्यादतियों पर रोक लगाए जाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि रोहिंग्याओं के साथ हो रही ज्यादतियों में महिलाओं के साथ बलात्कार, लोगों को ज़बरन जेलों में ठूंसा जाना और हिरासत केंद्रों में अनगिनत मौतें होना सरासर मानवीय अधिकारों का हनन है। प्रस्ताव के समर्थन में 193 सदस्य देशों ने मतदान किया जबकि विपक्ष में मात्र नौ सदस्य देश थे। इनके अलावा 28 सदस्य देशों ने अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराई। प्रस्ताव में म्यांमार सरकार का आह्वान किया गया है कि वह राखिनी, काचिं और शान राज्यों में रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के प्रति उकसाने वाली कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाए ।

म्यांमार के संयुक्त राष्ट्र स्थित राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित इस प्रस्ताव को बेमानी बताया है और कहा है कि इस प्रस्ताव से म्यांमार में अन्यान्य वर्गों के ध्रुवीकरण का मौक़ा मिलेगा और हालात और जटिल हो जाएंगे। महासभा की ओर से पारित प्रस्ताव का मतलब म्यांमार सरकार के विरुद्ध भले ही किसी दंडात्मक कार्रवाई की ओर संकेत नहीं देता, और ना ही किसी वैध आदेश की ओर संकेत देता है। इसके बावजूद यह प्रस्ताव दुनिया भर में यह संदेश ज़रूर देता है कि म्यांमार सरकार अपने यहां एक समुदाय विशेष के मानवीय अधिकारों को संरक्षण देने में असमर्थ है। बुद्धिस्ट बहुल म्यांमार सरकार रोहिंग्याओं को एक लंबे अरसे से बांग्लादेश के बंगाली समुदाय के रूप में मानती आ रही है, जबकि यह समुदाय सदियों से म्यांमार के राखिनी राज्य में रहते आ रहे हैं। इस समुदाय के सदस्यों को सन 1982 से नागरिकता का भी अधिकार नहीं है।

]]>