nakawi on CAA – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 18 Dec 2019 18:10:46 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 नागरिकता संशोधन कानून पर बोले नकवी, ‘झूठ के झांसे से सच के सांचे’ पर हमले की कोशिश http://www.shauryatimes.com/news/70162 Wed, 18 Dec 2019 18:06:29 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=70162 राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा अल्पसंख्यक दिवस कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि ‘झूठ के झांसे से सच के सांचे’ पर हमला करने की कोशिश हो रही है। यहां राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित ‘अल्पसंख्यक दिवस’ कार्यक्रम में नकवी ने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते, वह औंधे मुंह गिरता है, जो लोग ‘सत्यमेव जयते’ की जगह ‘झूठमेव जयते’ के सिद्धांत के साथ अमन को अफवाह से अगवा करने की कोशिश कर रहे हैं वे नाकाम होंगे और “सत्यमेव जयते” ही ‘झूठमेव जयते’ की साजिशी सियासत को पटखनी देगा। उन्होंने कहा कि जनतंत्र से परास्त लोग ‘गुंडातंत्र’ के जरिये देश के सौहार्द और विश्वास के माहौल को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं। हमें जनतंत्र और सौहार्द की ताकत से इसे परास्त करना होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनआरसी या नागरिकता बिल से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता पर कोई प्रश्नचिन्ह या खतरा नहीं है। हमें ‘दुष्प्रचार के दानवों’ से होशियार रहना चाहिए। सिटीजनशिप एक्ट, नागरिकता देने के लिए है, छीनने के लिए नहीं। हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक तरक्की के बराबर के हिस्सेदार-भागीदार हैं। एनआरसी और नागरिकता बिल को जोड़ कर देश को गुमराह करने के षड़यंत्र को परास्त करना है। 1951 में असम में शुरू एनआरसी प्रक्रिया अभी ख़त्म नहीं हुई है। लिस्ट में जिनका नाम नहीं आया है वो ट्रिब्यूनल और उसके बाद अदालतों में अपील कर सकते हैं। सरकार भी उनकी मदद कर रही है।

नकवी ने कहा कि ‘अमानवीय अपमान’ को ‘मानवीय सम्मान’ दिलाने की भावना से भरपूर है नागरिकता संशोधन बिल। नागरिकता बिल 2019 ‘अमानवीय अन्याय’ से पीड़ितों को ‘मानवीय न्याय’ दिलाने के संकल्प का सच है । इसे भारतीय नागरिकों की नागरिकता के साथ जोड़ना छल है। उन्होंने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि भारत मानवता का समुद्र है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का मूल संस्कार विचारधारा है। इसी मानवता के समुद्र, इसी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के संस्कार से भरपूर भारत ने दशकों से जुल्म और अन्याय से पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने का कदम उठाया है।

श्री नकवी ने कहा कि भारतीय अल्पसंख्यकों की ‘सुरक्षा, समावेशी समृद्धि एवं सम्मान’, ‘संवैधानिक संकल्प’ से ज्यादा समाज की ‘सकारात्मक सोच’ का नतीजा है। भारत के बहुसंख्यक समाज की सोच, अपने देश के अल्पसंख्यकों की ‘सुरक्षा और सम्मान के संस्कार एवं संकल्प’ से सराबोर है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान अल्पसंख्यकों के लिए जन्नत साबित हुआ है जबकि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए जहन्नुम बन गया है। बंटवारे के बाद हिंदुस्तान के बहुसंख्यकों ने पंथनिरपेक्षता का रास्ता चुना, वहीं पाकिस्तान ने इस्लामी राष्ट्र का रास्ता चुना। हिंदुस्तान के बहुसंख्यकों के डीएनए में धर्मनिरपेक्षता एवं सहिष्णुता है। यही भारत के ‘अनेकता में एकता’ की ताकत है। इस अवसर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गयोरुल हसन रिजवी, आयोग के सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

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