NirmalaSitharaman – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 17 Dec 2019 11:20:14 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अवसरवादिता पर केंद्रित है सोनिया की सियासत : निर्मला सीतारमण http://www.shauryatimes.com/news/69983 Tue, 17 Dec 2019 11:20:14 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=69983
नई  दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनकी पूरी राजनीति अवसरवादिता पर केंद्रित है औऱ वह छात्रों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रही हैं। सीतारमण ने बयान जारी कर कहा है कि सोनिया गांधी को इंदिरा गांधी का वह दौर याद करना चाहिए जब दिल्ली स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को तिहाड़ जेल भेजा गया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को बयान जारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि था कि केंद्र की मोदी सरकार हिंसा व बंटवारे की जननी बन गई है । सरकार ने देश को नफरत की अंधी खाई में धकेल दिया है और युवाओं के भविष्य को आग की भट्टी में झुलसा दिया है।

सोनिया के इस बयान पर निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है। वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा है कि सोनिया गांधी की राजनीति अवसरवादिता पर केंद्रित है। यह विडंबना है कि सोनिया गांधी संविधान को तोड़ने की बात करतीं हैं जबकि वह स्वयं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौर में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के नाम पर ‘किचन कैबिनेट’ चलाती थीं जिसका कोई संवैधानिक आधार नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया की ‘किचन कैबिनेट’ ने हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए सांप्रदायिक हिंसा विधेयक तैयार किया था।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि सोनिया गांधी ने देश को अशांत करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप जानबूझकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर लगाया है। यह गैरजिम्मेदराना बयान है। अगर कांग्रेस जिम्मेदार विपक्ष होती तो वह लोगों से शांति की अपील करती न कि हिंसा को बढ़ावा देती। वित्तमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को यह ध्यान रखना चाहिए कि नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ है। उन्होंने सोनिया गांधी से सवाल किया कि क्या यह सच नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 2003 में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाकर उन्हें नागरिकता देने की मांग की थी।

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