rahul risgn finaly – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 03 Jul 2019 19:10:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 Finaly राहुल गांधी ने छोड़ा पद, मोतीलाल वोरा के पास अंतरिम कमान http://www.shauryatimes.com/news/47567 Wed, 03 Jul 2019 19:06:21 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=47567 नई दिल्ली : राहुल गांधी ने ट्वीटर खाते से पार्टी अध्यक्ष की जगह सदस्य कर दिया है। इसी बीच उनके इस्तीफे को लेकर विभिन्न हलकों से प्रतिक्रिया आ रही है। उन्हें अमेठी से हराने वाली भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के इस्तीफे पर ‘जय श्री राम’ कहा है। राहुल गांधी काफी समय से पार्टी को नया अध्यक्ष चुनने को कह रहे थे, लेकिन पार्टी नेता उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दे रहे थे। आखिरकार उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इस्तीफा देने की बात स्वीकारते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को भावुक पत्र लिखा है।

पार्टी के संविधान के मुताबिक अध्यक्ष को लेकर बनी आपात स्थिति में सबसे वरिष्ठ महासचिव पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम करेगा जबतक कि कार्यसमिति अगले अध्यक्ष का चयन नहीं कर लेती। वर्तमान में प्रशासनिक कार्यों से जुड़े मोतीलाल वोरा सबसे वरिष्ठ हैं। हालांकि अभीतक पार्टी की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्र यह भी कह रहे हैं राहुल का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है और वह कार्यसमिति के इसे स्वीकारने तक अध्यक्ष बने रहेंगे।

सियासी प्रतिक्रिया जारी, स्मृति ईरानी बोलीं- जय श्री राम

भारतीय जनता पार्टी के नेता नलिन कोहली ने राहुल के इस्तीफे पर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी में लोकतंत्र है और कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है। अब यह उन पर है कि वह क्या निर्णय लेते हैं। दूसरी ओर उन्हें अमेठी से हराने वाली भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी से राहुल गांधी के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने महज ‘जय श्रीराम, जय श्रीराम’ कहा। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी के इस्तीफे पर कहा है कि उन्होंने केवल पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ा है, उन्होंने हमारे नेतृत्व से इस्तीफा नहीं दिया है। सोनिया गांधी अब हमारी पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन वे हमारी नेता बनी हुई हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता काम करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।

कवि कुमार विश्वास का कहना है कि कांग्रेस की हताशा समझ से बाहर है। जब सब तरफ़ एक ही सत्ता हो तब तो विपक्ष के लिए सबसे मुफीद मैदान होता है। ज़मीनी, सच्चा और मुश्किलों भरा जनसंघर्ष ही 100 प्रतिशत सफलता का रास्ता है। उन्होंने कहा कि डगमगाता विपक्ष जनहितों के खिलाफ है व हर सत्ता का अहंकार ऐतिहासिक सत्य। इसका मतलब है कि असहमति के हाथों पर ज़्यादा ज़िम्मेदारी है।

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