Resurgence of Mamata cabinet’s Dhakad minister Shubhendu Adhikari – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 27 Nov 2020 09:02:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ममता कैबिनेट के धाकड़ मंत्री शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा http://www.shauryatimes.com/news/91825 Fri, 27 Nov 2020 09:02:30 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=91825 कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को सेकेंड इन कमांड बनाए जाने से नाराज चल रहे परिवहन मंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले उन्होंने हुगली रिवर ब्रिज कमीशन के चेयरमैन पद से गत बुधवार को त्यागपत्र दे दिया था। शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे एक चि_ी लिखकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही जेड प्लस की सुरक्षा, पायलट कार और एस्कॉर्ट भी छोडऩे की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि राज्य के लोगों की सेवा का मौका देने के लिए आपको धन्यवाद।

उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनों से तृणमूल कांग्रेस और शुभेंदु अधिकारी के बीच कोल्ड वार चल रहा था। पूर्व मेदिनीपुर के अपने क्षेत्र में शुभेंदु अधिकारी लगातार जनसभाएं कर रहे थे लेकिन ममता बनर्जी का बैनर पोस्टर का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे और न ही किसी भी सभा से वह मुख्यमंत्री का नाम ले रहे थे। उनके समर्थकों ने भी “हम लोग दादा के समर्थक हैं” नाम से बैनर पोस्टर लगाने शुरू कर दिए थे। उसके बाद उन्हें मनाने के लिए राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भेजा गया लेकिन शुभेंदु ने उनसे मुलाकात नहीं की। उसके बाद यह और स्पष्ट हो गया था कि तृणमूल कांग्रेस से उनकी नाराजगी जल्द खत्म होने वाली नहीं है। वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने भी शुभेंदु से बात कर उन्हें पार्टी में बनाए रखने की कोशिश की लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।

सूत्रों से पता चला है कि ममता बनर्जी ने भतीजे अभिषेक बनर्जी को वरिष्ठ नेताओं की तुलना में अधिक अहमियत देनी शुरू कर दी है और अपनी पार्टी में उन्हें अपने उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित करना शुरू कर दिया था, जिससे शुभेंदु अधिकारी नाराज थे। अब जबकि वह मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं तो यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही ममता बनर्जी का साथ छोडक़र दूसरी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। खास बात यह है कि शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के बाद बंगाल के पहले ऐसे नेता हैं जिनका जनाधार सबसे बड़ा है।  2021 के विधानसभा चुनाव से पहले जब अमित शाह बंगाल में भाजपा को 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य दे चुके हैं तब शुभेंदु का तृणमूल से अलग होना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पार्टी न केवल जिले में बड़ा जनाधार खोएगी, बल्कि शुभेंदु जैसे बड़े कद के नेता के जाने की वजह से पूरे राज्य पर इसका व्यापक असर होगा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुभेंदु अधिकारी की नाराजगी को लेकर उनके समर्थकों ने कोलकाता से उत्तर बंगाल तक बैनर पोस्टर लगा दिए थे।

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