SC on tripal talaq – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 23 Aug 2019 07:09:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ट्रिपल तलाक बिल पर केन्द्र सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब http://www.shauryatimes.com/news/53229 Fri, 23 Aug 2019 07:09:38 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=53229 नई दिल्ली : ट्रिपल तलाक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका समेत तीन याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि जिस प्रथा को सुप्रीम कोर्ट रद्द घोषित कर चुका है, उसके लिए सजा का प्रावधान क्यों किया गया है। उन्होंने कहा कि तीन साल की सजा वाला सख्त कानून परिवार के हित में नहीं है। जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका में ट्रिपल तलाक के कानून पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि ट्रिपल तलाक को रोकने वाला हालिया कानून संविधान की मूलभावना के अनुरूप नहीं है। वकील एजाज मकबूल के जरिए दायर याचिका में इस कानून को रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस कानून को लागू करने के लिए ऐसी कोई परिस्थिति नहीं थी क्योंकि ऐसे तलाक को सुप्रीम कोर्ट पहले ही असंवैधानिक घोषित कर चुका है।

याचिका में कहा गया है कि कानून बनाते समय विचाराधीन कैदियों की स्थिति पर आंखें मूंद ली गई हैं। याचिका में कहा गया है कि इस्लामिक कानून के मुताबिक शादी एक दीवानी कांट्रैक्ट है और तलाक के जरिए उस कांट्रैक्ट को खत्म किया जाता है। इसलिए दीवानी गलतियों के लिए फौजदारी उत्तरदायित्व तय करना मुस्लिम पुरुषों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एक्ट की धारा-4 के मुताबिक तीन साल की कैद का प्रावधान ज्यादा है क्योंकि इससे गंभीर मामलों में भी उससे कम की सजा का प्रावधान है। एक्ट की धारा-7 के मुताबिक इसे गैर जमानती अपराध माना गया है, जबकि उससे गंभीर अपराधों जैसे अपहरण इत्यादि जमानती हैं।

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