Survey of malnourished children – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 22 Dec 2020 21:14:40 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं का करें सर्वेक्षण, लगाएं स्वास्थ्य शिविर : आनंदीबेन http://www.shauryatimes.com/news/95390 Tue, 22 Dec 2020 21:11:47 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=95390 राज्यपाल ने ‘लिविंग लिजेन्ड्स ऑफ बलिया’ वेबसाइट का किया उद्घाटन

लखनऊ। ‘लिविंग लिजेन्ड्स ऑफ बलिया’ फोरम के माध्यम से विश्वविद्यालय ने बलिया की उन विभूतियों को फिर से यहां की मिट्टी से जोड़ने की अनूठी पहल की है, जो फिलहाल यहां से दूर रहकर विभिन्न क्षेत्रों में अपना विशिष्ट योगदान दे रहे हैं। ये बात राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया द्वारा आयोजित ‘वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य एवं जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय की भूमिका: चुनौतियों एवं संभावनाएं’ विषयक संगोष्ठी एवं ‘लिविंग लिजेन्ड्स ऑफ बलिया’ फोरम की वेबसाइट का राजभवन से वर्चुअल उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस फोरम के माध्यम से विश्वविद्यालय बलिया की विभूतियों को अपनी मिट्टी से जुड़ने तथा मधुर स्मृतियों को संजोने का न सिर्फ अवसर प्रदान करेगा, बल्कि मातृभूमि के ऋण से उऋण होने का अवसर भी प्रदान करेगा।

राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय बलिया के जिस महान विभूति चन्द्रशेखर के नाम पर स्थापित है, उनके पदचिह्नों पर चलकर कार्य करें और शीर्ष पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बलिया की धरती एक अत्यन्त उर्वर धरती है, जिसने तमाम ऋषि-मुनियों से लेकर स्वाधीनता सेनानियों, साहित्यकारों, विद्धानों, बुद्धिजीवियों और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक को जन्म दिया है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने छोटे-से जीवनकाल में ही कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जो प्रशंसनीय है। सीमित संसाधनों और कोरोना से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद विश्वविद्यालय ने निर्धारित समय सीमा के अन्दर नकलविहीन परीक्षा कराई, समय से परीक्षाफल घोषित किया। कुछ पाठ्यक्रमों में सबसे पहले परीक्षाफल घोषित करके इस विश्वविद्याकलय ने प्रदेश भर के विश्वविद्यालय के समक्ष एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

राज्यपाल ने कहा कि बलिया जनपद प्राकृतिक जल-स्रोतों से अत्यंत समृद्ध है और यहां मत्स्य उत्पादन की व्यापक संभावनाएं भी हैं। इसके लिए सम्यक प्रशिक्षण और वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग करते हुए मत्स्य उत्पादन में भारी वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अध्ययन एवं शोध को बढ़ावा दिया जाए तो यहां के किसानों की समृद्धि के दरवाजे खुल सकते हैं। परंपरागत कृषि की जगह नवाचारी कृषि का प्रयोग यहां के किसानों का जीवन स्तर बदल सकता है। राज्यपाल ने जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्कता है। इसके लिए विश्वविद्यालय समय-समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण करें व स्वास्थ्य शिविर लगाएं और जागरूकता अभियान चलाएं। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई शिक्षा नीति स्वदेशी ज्ञान और तकनीक के आधार पर नये भारत को शक्तिशाली बनाने में सहायक होंगे। शिक्षा को भारतीय जनजीवन तथा सामाजिक व सांस्कृतिक चेतना से जोड़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारतीय ज्ञान-शक्ति के सहारे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। इस अवसर पर जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया की कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय एवं विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारीगण भी ऑनलाइन जुड़े थे।

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