Technology has made the plans to reach the last person at the bottom of the plan: Yogi – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 12 Feb 2021 19:21:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 तकनीक ने योजनाओं को अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने का किया काम : योगी http://www.shauryatimes.com/news/102401 Fri, 12 Feb 2021 19:21:27 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=102401 सीएम ने 18वें सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवॉर्ड्स-2020 कार्यक्रम में की शिरकत

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक ने हमारे कार्यक्रमों को आसान बनाने का काम किया है। इसके जरिए शासन की योजनाओं को लोकतंत्र के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित 18वें सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवॉर्ड्स-2020 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तकनीक के महत्व को बहुत पहले ही ना केवल जब वह मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात के अंदर कार्य कर रहे थे तब, बल्कि 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में भी अनेक बार जोर दिया। देखा जाए तो 2014 से 2020 तक कोरोना कालखंड के पहले तक केन्द्र सरकार ने जितनी भी योजनाएं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रारंभ की, वहं कहीं ना कहीं तकनीक पर आधारित रही हैं। इनके महत्व को हम में से हर व्यक्ति ने विगत एक वर्षों से कोरोना के दौरान स्वीकार किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं इस बात को जानते हैं कि अगर तकनीक नहीं होती तो कोरोना जैसी महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश या देश की क्या स्थिति होती। तकनीक ने हमारे कार्यक्रमों को बहुत आसान किया है। तकनीक ने शासन की योजनाओं को लोकतंत्र के अन्तिम पायदान पर बैठे उस व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया, जिसके बारे में हमेशा कहा जाता था कि उसकी शासन को बनाने में भूमिका है, लेकिन जब सत्ता में लोग आते हैं तो उसी को भूल जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन तकनीक ने शासन की योजनाओं को अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया। तकनीक के कारण जन विश्वास की प्रतीक हमारी प्रशासनिक मशीनरी बनी। उन्होंने कहा कि अनेक ऐसे उदाहरण हैं जो हम सब को इस बारे में एक नई प्रेरणा प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में लाखों की संख्या में मुसहर जाति के लोग हैं। इनके बारे में कहा जाता है इनके पास अपना कुछ भी नहीं है। उनके इस आन्दोलन के साथ वह 2003 से 2008 के दौरान जुड़ा रहे। उस दौरान मुसहर जाति के लोगों तक शासन की योजनाएं पहुंचाने का काम किया। बाद में व्यस्तता के कारण वह इस अभियान से अलग हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2016 में उन्हें कुछ सूचनाएं मिली कि इन लोगों के क्षेत्रों में भूख से कुछ मौतें हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में कोई कहे कि भूख से मौत तो शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आश्चर्य होगा लेकिन, यह वास्तविकता थी। उन क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान सामने आया कि बहुत सारे परिवार ऐसे थे जिन्हें 2003 से 2018 के बीच अपने अभियान के दौरान उन्होंने जो राशन कार्ड उपलब्ध कराए थे, वह उनसे वापस ले लिए गए। राशन कोटेदार वह राशन कार्ड रखकर उसके जरिए राशन निकालता था। लेकिन उन्हें नहीं देता था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद 2017 में सरकार बनने पर जब उन्होंने जांच करानी शुरू की तो राज्य में लगभग 30 लाख फर्जी राशन कार्ड देखने को मिले। फिर सर्वे कराया गया कि कितने ऐसे लोग हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है तो इससे भी बड़ी संख्या निकली। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में स्मार्ट कार्ड जारी करने की बात कही। लेकिन, जब स्मार्ट कार्ड की बात आई तो सामने आया कि इसमें 3,000 करोड़ रुपये शासन को खर्च करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति ऐसी नहीं थी कि एक साथ हम एक ही योजना पर इतनी बड़ी धनराशि खर्च कर सके, क्योंकि वह समय सरकार को किसानों के कर्ज को भी माफ करना था। इसके साथ ही कई योजनाओं को आगे बढ़ाना था। ऐसे में यह तय हुआ कि हम तकनीक का सहारा लें। इसके तहत पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के लिए राशन की दुकानों को ई पॉश मशीन से जोड़ने का काम किया गया। पहले शहरी क्षेत्रों में और फिर ग्रामीण क्षेत्रों में 80 हजार राशन की दुकानों को ई पॉश मशीन से जोड़ा गया। बेहद कम खर्च में सामान्य राशन कार्ड बनाए गए।

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