The central and state government should apologize for the unfortunate situation of the workers – Ramgovind Chaudhary – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 28 May 2020 14:28:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 श्रमिकों की बदहाल स्थिति के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के इन्तजामकार माफी मांगें -रामगोविन्द http://www.shauryatimes.com/news/78767 Thu, 28 May 2020 14:15:26 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=78767 हालात पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला अंधकार में रोशनी देने वाला, भारत सरकार और राज्य सरकारों के प्रधान इस फैसले को पढ़े और अफसरलिखित बयान पढ़ने की जगह कुछ करें – नेता प्रतिपक्ष

लखनऊ : नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने भारत सरकार और राज्य सरकारों के प्रधान और उनके इंतज़ामकारों से आग्रह किया है कि वह सुप्रीमकोर्ट के 26 मई के फैसले को कुछ पल के लिए एयरकंडीशन कमरों से बाहर निकलकर पढ़े और श्रमिकों को बदहाल स्थिति में ढकेलने और उसे बरकरार रखने के लिए देश से माफी मांगें। उन्होंने कहा है कि सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले से देश के मजबूत पावों में उभरे छालों के दर्द का बोध किसी भी आदमी को हो जाएगा। इसका बोध होने पर निष्ठुर आदमी की भी आँखे डबडबा जाएगी। संवेदनशील आदमी फफककर रोने लगेगा लेकिन भारत सरकार और राज्य सरकार के प्रधान तथा उनके इन्तजामकार इसे लगातार नज़र अंदाज़ कर रहे हैं।

मंगलवार को जारी आन लाइन प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि वर्तमान में अखबार कर्मियों की कलम पर आपातकाल से भी अधिक कड़ा पहरा है। इसके बावजूद फैसले का वह सच प्रकाशित हो गया है जिसमें माननीय न्यायमूर्तियों ने कहा है कि अभी भी प्रवासी मजदूर (मेरे शब्दों में देश के मजदूर) सड़कों, हाइवे, रेलवे स्टेशनों और राज्य की सीमाओं पर घर जाने के लिए बैठे हैं। उनके लिए पर्याप्त परिवहन व्यवस्था नहीं है, न ही उनके खाने रहने का उचित इंतजाम है। माननीय न्यायमूर्तियों ने अपने इस फैसले में यह भी कहा गया है कि इस स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी इंतजाम जरूरी है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि भारत सरकार और राज्य की सरकारों के अचानक, अनियोजित फैसलों और सरकारों में आपस में तालमेल नहीं होने के कारण देश का श्रमिक भयावह दौर से गुजर रहा है। और इंतजाम की स्थिति यह है कि भारत सरकार और राज्य सरकार की देखरेख में चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भी श्रमिक दाना पानी के अभाव में मर रहा है। यही नहीं, ऐसे लोगों पर एफ आई आर भी दर्ज कराएं गए हैं जिन्होंने मानवीय आधार पर इन्हें दाना पानी दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार और राज्य सरकारों के इस रवैये से लोकतन्त्र और सुराज शब्द भी शर्मसार है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि देश की बदहाल स्थिति के लिए नम्बर एक पर जिम्मेदार हैं देश के वह इंतजामकार जिनका लिखा आजकल देश और राज्यों के प्रधान पढ़ रहे हैं। इन इन्तजामकारो ने कोरोना और इससे उत्पन्न होने वाली स्थिति की गम्भीरता समझते हुए ट्रम्प का स्वागत और शिवराज चौहान की ताजपोशी की व्यवस्था छोड़कर पहले लोगों शेटल हो जाने की सूचना दिया होता या दिलवाया होता, श्रमिकों को शेटल होने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय दिया होता या दिलवाया होता और अपने प्रचार साधनों से इसका प्रचार करवाने के बाद लाकडाउन की घोषणा का प्रेसनोट पढ़वाया होता तो यह दुखद स्थिति नहीं उत्पन्न होती। उन्होंने कहा है कि राज्यों के इंतजामकार इन्हें घर जाने की सुविधा मुहैया करा दिया होता तो भी यह भयावह स्थिति नहीं उत्पन्न होती। इधर राज्य सरकार के इन्तजामकार श्रमिकों को पिटवाने और उनकी मदद करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को ही अपनी ड्यूटी मान बैठे हैं। इसकी जगह श्रमिकों को सम्मान से घर पहुँचाने की व्यवस्था को ये इन्तजामकार अपनी ड्यूटी मानते तो भी यह शर्मनाक स्थिति नहीं होती।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि इंतजामकारों के इस रवैये से दुनियाँ के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के पथ पर अंधकार छाया हुआ है। ऐसी स्थिति में सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले में लोकतांत्रिक लोगों को रोशनी दिख रही है। उन्होंने देश और राज्य सरकार के प्रधानों से आग्रह किया है कि वह इस सच्चाई का बोध करें और केवल अफसरों का लिखा बयान पढ़ने की जगह कुछ खुद भी करने और सोचने की कोशिश करें।

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