UP Coaching Association playing strong role in education system as a strong organization – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 18 Jun 2020 14:48:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सशक्त संगठन के रूप में शिक्षा प्रणाली में मजबूत भूमिका निभा रहा यूपी कोचिंग एसोसिएशन http://www.shauryatimes.com/news/79704 Thu, 18 Jun 2020 14:48:39 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=79704 लखनऊ : वैद आईसीएस, लखनऊ के तत्त्वावधान में आहूत द्वितीय-समागम में पूर्व में नियुक्त प्रारूप-समिति की संस्तुतियों के आधार पर प्रस्तावित संगठन की एक अंतरिम व अस्थाई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जीवन में प्रत्येक यात्रा का एक प्रस्थान बिंदु होता है और यह अस्थाई कार्यकारिणी ‘प्रदेश प्रतिस्पर्धी शैक्षिक जगत’ के सांगठनिक जीवन यात्रा के प्रस्थान बिंदु का प्रतिनिधित्व करती है। संगठन के वर्तमान समस्त पद ‘संरक्षकद्वय’ डॉ पी.एम.त्रिपाठी सर एवं डॉ टी.आर.सिंह द्वारा सर्वसम्मति से सृजित कर इन पर यथोचित नियुक्तियां की गई हैं। कार्यकारिणी, अस्थाई कोर कमेटी में विजय सिंह अध्यक्ष, डॉ राजेश शुक्ल महासचिव, अभय शुक्ल उपाध्यक्ष, अरविंद कोषाध्यक्ष, अश्वनी संयुक्त सचिव, शिवम, जलज राय, सुमित संयुक्त सचिव तथा डॉ देवव्रत मिश्र प्रवक्ता मनोनीत किये गये। छोटी-छोटी वस्तुओं के संघटन से कार्य सिद्ध हो जाता है, जैसे घास से बनी हुई रस्सियों से मतवाले हाथी बांधे जाते हैं। उत्तर प्रदेश कोचिंग एसोसिएशन एक सशक्त संगठन के रूप में देश की शिक्षा प्रणाली में परिपूरक एवं क्षतिपूरक की भूमिका निभा रहे गैर-संगठित कोचिंग-जगत एवं इससे संबद्ध हम सभी शिक्षकों-संस्थापकों-निदेशकों एवं सहायक व्यक्तियों, कर्मचारियों, कर्मकारों के हितों का संरक्षण और संवर्धन करेगा, ऐसा हम सभी का विश्वास है।

प्रवक्ता डॉ देवव्रत मिश्र ने बताया कि शीघ्र ही, संगठन को विधिक स्वरूप प्रदान कर, इस समूह के सभी सम्मानित सदस्यों को एक तर्कसंगत प्रक्रिया के माध्यम से सदस्यता का प्रावधान किया गया है। विभिन्न कोचिंग संस्थानों की संगठन से संबद्धता का कार्य पूर्ण हो जाने पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से तीन माह पश्चात् अंतिम रूप से एक स्थाई कार्यकारिणी का गठन किया जाना सुनिश्चित हुआ है। जिस प्रकार भारतीय संविधान एक सजीव एवं गतिशील दस्तावेज़ है, उसी प्रकार इस संगठन के नियम-विनियम-उपनियमभी हम लोगों की तत्कालीन् परिस्थितियों, विचार-विमर्श एवं चिंतन-प्रक्रिया के अनुसार गत्यात्मक रूप से प्रवर्तनीय होंगे। कालक्रमेण, चक्रिक रुप से समूह के समस्त सदस्यों को उनकी योग्यता और क्षमतानुसार उन्हें किसी भी पद पर चुने जाने एवं गरिमानुकूल दायित्वों का निर्वहन करने का अवसर उपलब्ध रहेगा।

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