varishth pracharak of rss death – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 13 Oct 2018 14:29:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 संघ के वरिष्ठ प्रचारक रमाशंकर उपाध्याय का निधन http://www.shauryatimes.com/news/14101 Sat, 13 Oct 2018 14:29:17 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=14101 लखनऊ : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक रमाशंकर उपाध्याय का शनिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) ट्रामा सेन्टर में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। वह केजीएमयू में विगत 01 माह से भर्ती थे। उनका पार्थिव शरीर संघ कार्यालय केशव भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। संघ परिवार के कार्यकर्ता कार्यालय पहुंचकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। संघ के क्षेत्र कार्यवाह राम कुमार वर्मा, पूर्व क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण, क्षेत्र के समग्र ग्राम विकास प्रमुख वीरेन्द्र सिंह, समाज कल्याण मंत्री रमा पति शास्त्री, भाजपा के प्रदेश कार्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, संघ के सह प्रान्त कार्यवाह प्रशान्त भाटिया और लखनऊ के विभाग प्रचारक अजय नारायण ने केशव भवन पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख अशोक उपाध्याय ने बताया कि रमा शंकर उपाध्याय का जन्म सन 1926 में जौनपुर जिले के ग्राम सवन्सा में हुआ था। पढ़ाई के दौरान वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आये। 1948 में गांधी हत्याकाण्ड के बाद संघ पर लगे प्रतिबंध के विरूद्ध जौनपुर में सत्याग्रह कर जेल गये। जेल से छूटने के बाद संघ के प्रचारक निकल गये। सबसे पहले उन्हें जौनपुर जिले की मड़ियांव तहसील का तहसील प्रचारक बनाकर भेजा गया। इसके बाद वह बलिया के जिला प्रचारक बनाये गये। इसके बाद प्रतापगढ़, फैजाबाद और बांदा में जिला प्रचारक रहे। इसके अलावा वह गोरखपुर और आजमगढ़ के विभाग प्रचारक भी रहे। उसके पश्चात रज्जू भैया के कहने पर दीन दयाल शोध संस्थान जय प्रभा ग्राम गोण्डा के 12 वर्षों तक लगातार निदेशक रहे। इसके बाद किसान संघ के प्रदेश महामंत्री बनाये गये। इसके बाद शारीरिक अस्वस्थता के कारण 2016 से उन्होंने प्रवास करना बंद कर दिया था। वह हमेशा चलते रहे। कभी रूके नहीं। संघ ही उनका प्राण था। देश को सर्वोपरि मानकर संघानुकूल जीवन उन्होंने जिया। गलत चीज को वह कभी स्वीकार नहीं करते थे। उनके निधन से संघ परिवार शोकाकुल है।

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