will destroy every enemy of the enemy! – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 23 Sep 2020 07:31:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ड्रैगन पर नजर रखेंगे अमेरिकी रीपर ड्रोन, दुश्मन का हर मंसूबा कर देंगे ध्वस्त! http://www.shauryatimes.com/news/84776 Wed, 23 Sep 2020 07:31:26 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=84776 ट्रम्प-मोदी के बीच आखिरी रक्षा सौदा पूरा करेगी भारत सरकार

​​नई दिल्ली​​​​​​।​​ लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से तनाव के बीच भारत ने अमेरिका से 30 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9ए रीपर ड्रोन खरीदेगा​। ​यह सौदा ​लगभग 3 बिलियन डॉलर यानी 22 हजार करोड़ रुपये का होगा​। सौदे के पहले चरण में छह ड्रोन तत्काल एकमुश्त नगद भुगतान करके खरीदे जायेंगे​​​। ​मौजूदा जरूरतों को देखते हुए फिलहाल दो-दो ड्रोन ​तीनों सेनाओं को दिए जायेंगे​​​​​​​​​​​​​। ​यह सौदा चीन से तनाव के चलते जल्द से जल्द पूरा किये जाने की ​​​तैयारी है क्योंकि इन्हें ड्रैगन की रखवाली के लिए तैनात किया जाना है​।​ बाकी 24 ड्रोन अगले तीन वर्षों में हासिल कर लिए जाएंगे​​​। ​ ​रक्षा मंत्रालय ने आंतरिक बैठकों के बाद छह रीपर मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोनों की खरीद का रास्ता साफ कर दिया है​​। ​सूत्रों ने बताया कि ​सेनाओं को कुल 30 ड्रोन की जरूरत है, इसलिए ​​रक्षा अधिग्रहण परिषद (​डीएसी) की ​अगली ​बैठक ​में इसकी मंजूरी का प्रस्ताव प्रमुखता से रखा जाएगा​​।​ इस अनुबंध को दो भागों में ​बांटकर लगभग 600 मिलियन डॉलर (4,400 करोड़ रुपये) के छह ​ ​​एमक्यू-9ए ​ड्रोन ​​​अगले कुछ महीनों में ​नगद पैसे देकर खरीदे जाएंगे​​​​।​ इसी में से 2-2 ड्रोन सेना, वायुसेना और नौसेना को दिए जायेंगे​।

​इसके बाद बाकी 24 ड्रोन एक अनुबंध के तहत अगले तीन वर्षों में हासिल कर लिए जाएंगे जिसमें से तीनों सेनाओं को 8-8 ड्रोन फिर दिए जाएंगे​।अमेरिका से तुरंत खरीदे जाने वाले छह ड्रोन को हेलफायर मिसाइलों और अन्य एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल से लैस किया जाएगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह सौदा पिछले तीन वर्षों से लंबित है​। 2017 में यह अत्याधुनिक ड्रोन सिर्फ भारतीय नौसेना के खरीदे जाने थे लेकिन बाद में इसे तीनों सेनाओं के लिए खरीदने का फैसला लिया गया​। तब अमेरिकी सरकार ने 2018 में भारत को एमक्यू-9 के सशस्त्र संस्करण बेचने की मंजूरी भी दे दी थी।रक्षा मंत्रालय द्वारा हार्डवेयर की खरीद के लिए स्वीकृति की आवश्यकता (एओएन) औपचारिक रूप से पहला कदम है। इस तरह के खरीद मामलों को अनुबंध में बदलने की प्रक्रिया में आमतौर पर कई साल लग जाते हैं लेकिन चीन से तनाव के चलते मौजूदा जरूरतों को देखते हुए ​एमक्यू-9ए ​ड्रोन की खरीद जल्द पूरी कर ली जाएगी। भारत सरकार इसे अमेरिकी सरकार के साथ समझौते के तहत फास्ट-ट्रैक के जरिए खरीदेगी।

 

]]>