Yogi himself commanded self-reliant UP program – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 24 Jun 2020 21:38:40 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 योगी ने खुद संभाली आत्मनिर्भर यूपी कार्यक्रम की कमान, छह जिलों के कामगारों से सीधे जुड़ेंगे पीएम मोदी http://www.shauryatimes.com/news/79966 Wed, 24 Jun 2020 19:09:52 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=79966 लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के इतिहास में 26 जून एक यादगार तारीख बनने जा रही है। पीएम मोदी इस दिन सिद्धार्थनगर, गोंडा, बहराइच, गोरखपुर, संतकबीर नगर और जालौन के कामगारों से सीधे रूबरू होंगे। उनसे बात करेंगे, उनका हाल चाल जानेंगे। ये वो कामगार हैं जिन्हें कोरोना की आपदाकाल में लाकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार के प्रयासों से ना सिर्फ रोजगार मिला बल्कि उनकी आर्थिक सहायता भी हुई। इनमें कई ऐसे कामगार भी हैं जो लाक़डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से वापस आए। पीएम मोदी से इन कामगारों की सीधी बातचीत कराने के लिए बुधवार को पूरे दिन तकनीकी तैयारियां जोरों पर रहीं। खुद सीएम योगी ने तैयारियों की विधिवत समीक्षा की। अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। पीएम मोदी एक ग्राम पंचायत के उन श्रमिकों से बात करेंगे जिनको सामुदायिक केंद्र के निर्माण कार्य में लगातार रोजगार मिला। इसी प्रकार पीएम की बातचीत एक गांव की उन महिलाओं से होगी जिन्होंने स्वयं सहायता समूह बनाकर पौधों की नर्सरी लगाई और लाक़डाउन की अवधि के दौरान ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ कर पौधे लगाए। पीएम मोदी की बात डेयरी लगाकर खुद के लिए और दूसरों के लिए रोजगार पैदा करने वाले लोगों और एक्सप्रेस वे में रोजगार पाने वाले श्रमिकों से भी कराई जाएगी।

सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीएम योगी की कोशिश है कि कोरोना आपदाकाल में आयोजित हो रहा ये कार्यक्रम मील का पत्थर बने। दरअसल लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक तरफ जहां 35 लाख प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश में सुरक्षित वापस लाई, वहीं दूसरी तरफ देश में सबसे ज्यादा रोजगार देकर रिकार्ड बनाया है। एमएसएमई, एक्सप्रेस-वे, कृषि और मनरेगा में 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोगों को जोड़कर उत्तर प्रदेश सरकार ने मील का पत्थर स्थापित किया है। मौजूदा समय में प्रदेश के 75 जिलों में 57 लाख से ज्यादा लोग मनरेगा से जुड़कर रोजी-रोटी कमा रहे हैं। यही नहीं योगी सरकार बाहरी राज्यों से लौट रहे श्रमिकों को प्रदेश की अलग-अलग प्रदेश की तमाम योजनाओं के जरिए रोजगार और नौकरी मुहैया करवा रही है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण पूरा देश लॉकडाउन में था। इसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ा है। बाहरी राज्यों से लगातार प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश वापस आ रहे हैं। जो लोग अपना सबकुछ छोड़कर घर वापस आ रहे हैं, उन्हें रोजगार और नौकरी मुहैया करवाने में उत्तर प्रदेश की चर्चा पूरे देश में हो रही है। वापस आए मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट न पैदा हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया।

मनरेगा, कृषि क्षेत्र व इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण से रोजगार देने में नंबर-1 यूपी

मनरेगा, कृषि क्षेत्र व इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के जरिए लोगों को जोड़ने और उन्हें रोजगार देने में उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर-1 पर है। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में 57 लाख से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा गया है। इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जो बाहरी राज्यों से नौकरी गवां कर यूपी वापस लौटे हैं। इसमें 21 कोरोना प्रभावित जनपद भी शामिल है। जहां केंद्र सरकार की सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्य किए जा रहे हैं। यहां श्रमिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम कर रहे हैं। सरकार की तरफ से श्रमिकों को मास्क, सेनीटाइजर व अन्य बचाव सामग्री मुहैया करवाई जा रही है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक मनरेगा में उत्तर प्रदेश नंबर-1 पर है, जबकि दूसरे स्थान पर राजस्थान है। इसके बाद छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु आते हैं। देश में प्रवासी मजदूरों को लाने की पहल में सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई जिसका अनुसरण अन्य प्रदेशों की सरकारों द्वारा किया गया है। सरकार ने एमएसएमई विभाग से जोड़ते हुए 11 लाख लोगों को और स्वयं सहायता समूह के साथ लाखों प्रवासी महिलाओं को जोड़ते हुए रोजगार दिया है।

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