अलागिरी-स्टालिन में विरासत की जंग – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स https://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 14 Aug 2018 06:00:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 DMK की बड़ी बैठक आज, अलागिरी-स्टालिन में विरासत की जंग https://www.shauryatimes.com/news/8483 Tue, 14 Aug 2018 06:00:08 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=8483 तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि का निधन हुए अभी एक हफ्ता ही हुआ है. लेकिन उनके बेटों में करुणानिधि की राजनीतिक विरासत को लेकर जंग तेज हो गई है. सोमवार को करुणानिधि के बड़े बेटे अलागिरी उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे और कहा कि पार्टी के कई नेता उनके साथ है.DMK की बड़ी बैठक आज, अलागिरी-स्टालिन में विरासत की जंग

अब आज डीएमके की अहम बैठक है, इसमें जनरल काउंसिल की बैठक की तारीख का ऐलान किया जा सकता है. जनरल काउंसिल की बैठक में ही अध्यक्ष पद का नाम का ऐलान होगा.

देखना है कि ऐसे में एमके स्टालिन, कनिमोझी का क्या रुख रहता है यह देखना होगा. हालांकि, बैठक का मुख्य मुद्दा करुणानिधि को श्रद्धांजलि देना बताया जा रहा है. डीएमके की इस बैठक में स्टालिन, कनिमोझी के अलावा ए. राजा, दुरईमुरगम, ई. के. इलानगोवान समेत पार्टी के कई शीर्ष नेता शामिल होंगे.

दरअसल, स्टालिन और अलागिरी के बीच राजनीतिक लड़ाई काफी पुरानी है. अलागिरी ने खुद कहा है कि वह पार्टी में वापस सक्रिय होना चाहते हैं, लेकिन स्टालिन ऐसा नहीं होने देते हैं. वहीं एमके स्टालिन के सामने भी खुद को साबित करने की चुनौती है.

चूंकि, एम. के. स्टालिन की अगुवाई में डीएमके 2014 लोकसभा चुनाव, 2016 विधानसभा चुनाव और आर.के. नगर उपचुनाव काफी बुरी तरह हार चुकी है. वहीं अलागिरी ने इस दौर में अपने कद को बढ़ाया है. दक्षिण तमिलानाडु के क्षेत्र में अलागिरी का काफी प्रभाव है.

बता दें कि डीएमके की राजनीतिक विरासत को लेकर दोनों भाइयों के बीच पुराना विवाद रहा है. दरअसल, करुणानिधि ने 2016 में ही छोटे बेटे एमके स्टालिन को अपना सियासी वारिस घोषित कर दिया था.

इससे पहले ही 2014 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए एमके अलागिरी को निष्कासित कर दिया गया था. अलागिरी पर पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने के आरोप थे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि स्टालिन तीन महीने के अंदर मर जाएंगे.

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