छह की मौत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स https://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 15 Mar 2019 05:46:44 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 मुंबई में ‘कसाब पुल’ गिरा, छह की मौत, 33 घायल https://www.shauryatimes.com/news/35878 Fri, 15 Mar 2019 05:46:44 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=35878 दक्षिण मुंबई के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस [ सीएसएमटी ] से डीएन रोड के दूसरी ओर ले जाने वाले फुटओवर ब्रिज का आधा सीमेंट स्लैब गुरुवार शाम 7.30 बजे भरभराकर गिर गया। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। यह ‘कसाब पुल’ कहलाता है, क्योंकि 2008 में मुंबई हमले के वक्त इसी रास्ते से आतंकी कसाब कॉमा अस्पताल पहुंचा था।

हादसे के कुछ देर बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे दमकल और पुलिसकर्मियों ने घायलों को निकट के सेंट जॉर्ज एवं जीटी अस्पताल पहुंचाया। मरने वाले छह लोगों में तीन महिलाएं हैं।

पुलिस प्रवक्ता मंजूनाथ शिंज ने बताया कि मृतकों की पहचान अपूर्व प्रभु (35), रंजना तांबे (40), भक्ति शिंदे (40), जाहिद शिराज खान (32) और टी सिंह (35) के रूप में हुई, जिसमें दो महिलाएं प्रभु और तांबे जीटी अस्पताल के कर्मचारी हैं।

मलबे से पिचकी एक टैक्सी

जिस समय यह ब्रिज गिरा, तब ब्रिज पर उसके नीचे भी सबसे ज्यादा भी़़ड होती है। कफी लोग भी चपेट में आए। मलबे के नीचे आई एक टैक्सी बिल्कुल पिचक गई।

हिमालया ब्रिज भी है नाम

डीएन रोड के ऊपर से गुजरने वाला यह ब्रिज ‘हिमालया ब्रिज’ के नाम से भी जाना जाता है और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को आजाद मैदान पुलिस स्टेशन की ओर जानेवाली गली से जो़़डता है।

इसी ब्रिज से गुजरा था कसाब..

26/11 के आतंकी हमले के दौरान पाकिस्तानी आतंकी कसाब और उसका साथी इसी ब्रिज से होकर कॉमा अस्पताल पहुंचे थे। दक्षिण मुंबई से निकलकर उपनगरीय मुंबई और ठाणे के लिए जाने वाले इसी मार्ग से गुजरते हैं। दुर्घटना के बाद यह मार्ग बंद कर दिया गया।

एल्फिंस्टन रोड हादसे में 23 लोग मारे गए थे

जुलाई 2018 में अंधेरी रेलवे स्टेशन के निकट भी रेलवे लाइनों के ऊपर से गुजरने वाला एक पुल गिर गया था। इसमें पांच लोग घायल हुए थे। सुबह 7.30 बजे वह दुर्घटना होने के कारण पुल पर अधिक भी़़ड नहीं थी। करीब दो साल पहले एल्फिंस्टन रोड स्टेशन पर हुए ब्रिज हादसे में भी 23 लोग मारे गए थे।

बचाव अभियान के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 45 सदस्यीय टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि ओवर ब्रिज का इस्तेमाल पैदल यात्रियों द्वारा किया जा रहा था, यहां तक ​​कि सुबह मरम्मत का काम भी हुआ था। दमकल कर्मी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए और बचाव कार्य पूरे जोरों पर है।

टैक्सी ड्राइवर ने कहा कि शुक्र है कि जब पुल गिरा, तो पास की सड़क पर लाल सिग्नल था, अन्यथा कई लोग निश्चित रूप से मलबे के नीचे दब गए होते। घटना के तुरंत बाद, चुने गए प्रतिनिधियों और स्थानीय पार्टी के नेताओं ने राजनीतिक दोष-खेल के बीच मौके पर पहुंचे।

सरकार कराएगी हादसे की जांच, मुअावजे का एलान
घटना के बाद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुंबई में टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग के पास हुए फुटओवर ब्रिज के एक हिस्सा गिरने की खबर से बहुत दुखी हूं। बीएमसी और स्थानीय प्रशासन को हर संभव सहायता के लिए निर्देश दिया है। हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए। इसके साथ ही सीएम में मृतकों के परिजनों के 5 लाख तथा घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का एलान किया।

रेलवे के सूत्रों के अनुसार, इस ब्रिज के मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसे देखते हुए इलाके में बड़े स्तर पर राहत कार्य शुरू कराए गए हैं। मुंबई के जिस स्थान पर यह हादसा हुआ उससे कुछ ही दूरी पर मुंबई पुलिस और मुंबई महानगरपालिका के मुख्यालय स्थित हैं। सेंट्रल रेलवे के डीआरएम डीके शर्मा के अनुसार, जिस ब्रिज के गिरने से यह हादसा हुआ उसकी देखरेख का काम बीएमसी करती है। उन्होंने बताया कि ब्रिज का निर्माण कार्य रेलवे ने कराया था, लेकिन रखरखाव की जिम्मेदारी बीएमसी की ही थी।

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि ब्रिज का एक हिस्सा टूटकर गिर गया है। रेलवे और बीएमसी इसकी जांच करेंगे। ब्रिज ठीक हालत में नहीं था, इसमें सिर्फ कुछ मरम्मत की जरूरत थी। काम चल रहा था, ऐसे में लोगों को इस रास्ते से आने-जाने की छूट क्यों दी गई इसकी भी जांच होगी।

गौरतलब है कि जुलाई 2018 में अंधेरी रेलवे स्टेशन के निकट भी रेलवे लाइनों के ऊपर से गुजरनेवाला एक पुल गिर गया था। जिसमें पांच लोग घायल हुए थे। सुबह 7.30 बजे वह दुर्घटना होने के कारण पुल पर अधिक भीड़ नहीं थी। इसलिए दुर्घटना से अधिक लोग प्रभावित नहीं हुए। इस पुल की मरम्मत अभी तक नहीं हो सकी है।

सितंबर 2017 में मुंबई के एलफिंस्टन ब्रिज पर भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में करीब 23 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि इस ब्रिज को बाद में रेलवे और सेना ने साथ मिलकर युद्ध स्तर पर बनाया। हालांकि इस दौरान भी ओवर ब्रिज सवालों के घेरे में रहा था। इस बार भी ओवर ब्रिज की हालत पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर ब्रिज इतना ही कमजोर था कि गिरने की नौबत आ सकती थी, तो इसे लोगों के लिए क्यों चालू रखा था।

]]>