फिर … – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स https://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 05 Oct 2020 11:01:56 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 MP में आयोजित प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन शैक्षिक संवाद अचानक चलने लगी अश्लील फिल्म, फिर…. https://www.shauryatimes.com/news/86150 Mon, 05 Oct 2020 11:01:56 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=86150

मध्य प्रदेश के जबलपुर में रविवार दोपहर को आयोजित प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन शैक्षिक संवाद कार्यक्रम में उस समय काफी असहज स्थित उत्पन्न हो गई जब अचानक अश्लील फिल्म चल गई। दरअसल, राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए रविवार दोपहर करीब तीन बजे से प्रदेश स्तरीय शैक्षिक संवाद का आयोजन किया था। शिक्षक पुरस्कार व अन्य विषयों पर चर्चा के लिए लिंक भी प्रदेश स्तर से भेजी गई।

कार्यक्रम में करीब पांच सौ पुरुष व महिला शिक्षक जुड़ गए। इसी दौरान किसी ने एप हैक कर अश्लील फिल्म चला दी, जिससे हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कार्यक्रम बंद करना पड़ा। दोषी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि शैक्षिक संवाद का न्योता प्रदेशभर के शिक्षकों को दिया गया था। आयोजक हैदराबाद की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था थी। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों के समन्वयकों को सूचित कर शिक्षकों को सहभागी बनने के लिए लिंक भेजी थी।

ऑनलाइन शैक्षिक संवाद में करीब 500 शिक्षक व एनसीईआरटी और प्रदेश के शिक्षा सचिव आदि जुड़ चुके थे। जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ, चंद मिनट बाद ही अश्लील फिल्म चलने लगी। यह देखकर प्रदेश के शिक्षक व अतिथि हतप्रभ रह गए। राज्य शिक्षा केंद्र के समन्वयक ने कार्यक्रम को तुरंत बंद करा दिया। हैदराबाद में जिस आइटी कंपनी ने लिंक तैयार की थी, उसे सूचित कर दोषी के खिलाफ एफआइआर के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के शिक्षक संदर्भ समूह के समन्वयक डॉ. दामोदर जैन का कहना है कि हैदराबाद की जिस कंपनी ने लिंक तैयार की थी, उसे हमने सूचना दे दी है। लिंक को किसी ओम यादव नाम की प्रोफाइल ने हैक किया था। घटना शर्मसार करने वाली है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

]]>
उत्तर कोरिया से भागा सैनिक पहुंचा दक्षिण कोरिया,फिर… https://www.shauryatimes.com/news/20815 Sat, 01 Dec 2018 06:50:44 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=20815  दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि उत्तर कोरिया का एक सैनिक देश की सीमा को पार कर वहां पहुंच गया है. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने बताया कि दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने उसे सैन्य सीमा रेखा की ओर बढ़ते देख इस ओर सुरक्षित पहुंचाने में मदद की.

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि कोरिया सेनाओं ने 20 अग्रिम सुरक्षा चौकियों और एक सीमा क्षेत्र से बारूदी सुरंग हटाने का काम पूरा कर लिया है. इस क्षेत्र से 1950-53 के कोरियाई युद्ध में मारे गए सैनिकों के अवशेषों की तलाश में अब तक का पहला खोज अभियान शुरू करने की योजना है.

तनाव कम करने की कोशिश जारी…
सैनिक ने अपने देश छोड़ कर इस ओर आने का कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब उत्तर और दक्षिण कोरिया दोनों ही आपसी तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे है.

दोबारा जोड़ी गई रेल लाइन
दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच रेल मार्ग को दोबारा जोड़ने के संयुक्त सर्वेक्षण कार्य के लिए दक्षिणी कोरिया के इंजीनियर और अधिकारी ट्रेन से शुक्रवार को उत्तर कोरिया पहुंचे. इस साल की शुरुआत में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में रेल प्रणाली से दोनों देशों को जोड़ना प्रमुख समझौतों में से एक था. पिछले एक दशक में ऐसा पहली बार हुआ है कि दक्षिण कोरिया की कोई ट्रेन उत्तर कोरिया गई हो. 

उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य बातचीत के बीच यह पहल की गई है. दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने कहा कि कीटनाशक दवाओं को ले जा रहे ट्रकों ने सीमा पार कर उन्हें उत्तर कोरिया के सीमावर्ती शहर केसोंग में उतार दिया. दक्षिण कोरिया के वन अधिकारियों ने भी इस बीमारी से संयुक्त रूप से निपटने के लिए उत्तर कोरिया का दौरा किया. कोरियाई प्रायद्वीप में देवदार के वृक्षों में यह आम बीमारी है.

]]>
याद करो कुर्बानी : सामने थी दुश्‍मनों की फौज और ठंड से राइफल की गोलियां पड़ी ठंडी, फिर … https://www.shauryatimes.com/news/8648 Thu, 16 Aug 2018 06:55:40 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=8648 याद करो कुर्बानी की 21वीं और आखिरी कड़ी में हम आपको नायब सूबेदार बाना सिंह की वीर गाथा बताने जा रहे हैं. नायब सूबेदार बाना सिंह का जन्‍म 6 जनवरी 1948 को जम्‍मू और कश्‍मीर के काद्याल गांव में हुआ था. उनके सैन्‍य जीवन की शुरूआत 6 जवरी 1969 को जम्‍मू एण्‍ड कश्‍मीर लाइट इंफैंट्री से शुरू हुआ था. जून 1987 में 8 जम्‍मू एण्‍ड कश्‍मीर लाइट इंफैंट्री को सियाचिन एरिया में तैनात किया गया था. तैनाती के दौरान पाया गया कि बड़ी तादाद में पाकिस्‍तानी घुसपैठियों ने सियाचिन इलाके में घुसपैठ कर रखी है. इन घुसपैठियों को सियाचिन के इलाके से खदेड़ने के लिए एक स्‍पेशल टास्‍क फोर्स का गठन किया गया. इस टास्‍क फोर्स में शामिल जांबाजों में एक जांबाज नायब सूबेदार बाना सिंह भी शामिल थे. याद करो कुर्बानी : सामने थी दुश्‍मनों की फौज और ठंड से राइफल की गोलियां पड़ी ठंडी, फिर ...

अब तक पाकिस्‍तानी घुसपैठियों ने 6500 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति चोटिंयों पर अपनी पैठ बना ली थी. ग्‍लेशियर पर मौजूद वर्फ की ऊंची दीवारे पाकिस्‍तानी घुसपैठियों का रक्षा कवच बनी हुई थी. पाकिस्‍तानी घुसपैठियों की पोस्‍ट के दोनों तरफ करीब 457 मीटर ऊंची बर्फ की दीवारें थीं. ग्‍लेशियर पर मौजूद बर्फ की दीवारों ने पाकिस्‍तानी घुसपैठियों की स्थिति को बेहद मजबूत कर दिया है. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय सेना ने पाकिस्‍तानी घुसपैठियों को नेस्‍तनाबूद करने के लिए अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया था. पाकिस्‍तानी घुसपैठियों तक पहुंचने के लिए नायब सूबेदार बाना सिंह ने अपने साथ जिस रास्‍ते का चुनाव किया था, वह बेहद कठिन और खतरनाक था.

लंबी जद्दोजहद के बाद बाना सिंह अपने चार साथियों के साथ ग्‍लेशियर तक पहुंचने में भले ही कामयाब हो गए, लेकिन मुश्किलें अभी खत्‍म नहीं हुई थी. एक तरफ पाकिस्‍तानी घुसपैठियों और नायब सूबेदार बाना सिंह के बीच वर्फ की ऊंची दीवार खड़ी थी, वहीं दूसरी तरफ मौसम भी अब दुश्‍मनों की तरह व्‍यवहार करने लगा था. ऑपरेशन के दौरान ग्‍लेशियर पर तामपान शून्‍य से करीब 30 डिग्री सेल्सियस डिग्री से भी कम था. लगातार वर्फबारी हो रही थी. वातावरण में मौजूद इस ठंडक की वजह से अब भारतीय सेना की स्‍पेशल टॉस्‍क फोर्स की राइफलों ने भी ठीक से काम करना बंद कर दिया था. 

तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, नायब सूबेदार बाना सिंह और उनके साथियों ने हिम्‍मत नहीं हारी. उन्‍होंने वर्फ की दीवार को बीच से हटाने के लिए ग्रेनेड का सहारा लिया. भारतीय सवानों ने लगातार दुश्‍मनों की पोस्‍ट पर ग्रेनेड बरसाना शुरू कर दिया. ग्रेनेड के धमाकों से भारतीय सेना को दो फायदे मिले. पहले फायदे के तहत, दुश्‍मनों की संभलने का तनिक भी मौका नहीं मिला, वहीं धमाकों से बर्फ में हुई हलचल का भारतीय सेना को दूसरा लाभ मिला. वहीं, अपनी जान बचाने के लिए पाकिस्‍तानी घुसपैठियों ने चौकी से निकलकर इधर-उधर भागना शुरू कर दिया. जिन्‍हें नायब सूबेदार बाना सिंह और उनके साथियों ने अपने संगीन से हमला कर दिया. भारतीय सेना के जांबाजों ने एक एक-एक करके कई पाकिस्‍तानी घुसपैठियों को मार गिराया, जबकि कुछ घुसपैठिए जान बचाने के लिए पाकिस्‍तान में दाखिल हो गए. इस तरह, नायब सूबेदार बाना सिंह ने चंद मिनटों में भारतीय चौकी को पाकिस्‍तान के घुसपैठियों से आजाद करा भारतीय तिरंगा फहरा दिया. नायब सूबेदार बाना सिंह की इस अभूतपूर्व बहादुरी के लिए सेना के सर्वोच्‍च सम्‍मान परमवीर चक्र से सम्‍मानित किया गया.

]]>