लेटलतीफी से बचने के लिए रेलवे की चालाकी! बढ़ा दिया 185 ट्रेनों का अराइवल टाइम – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स https://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 29 Jun 2018 06:56:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 लेटलतीफी से बचने के लिए रेलवे की चालाकी! बढ़ा दिया 185 ट्रेनों का अराइवल टाइम https://www.shauryatimes.com/news/4593 Fri, 29 Jun 2018 06:56:34 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=4593 पिछले कई महीनों से देश के करोड़ों यात्री रेलवे की लेटलतीफी से काफी परेशान हैं. हाल यह है कि कई ट्रेन ने 24 से 28 घंटे तक लेट होने का रिकॉर्ड ही बना दिया. लेकिन इनको सही समय पर चलाने में नाकाम रेलवे चालाकियों पर उतर आया है. ट्रेनों को सही टाइम पर दिखाने के लिए कई ट्रेनों के गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के टाइम में ही बढ़त कर दी गई है.लेटलतीफी से बचने के लिए रेलवे की चालाकी! बढ़ा दिया 185 ट्रेनों का अराइवल टाइम

वित्त वर्ष 2017-18 की बात करें तो करीब 30 फीसदी ट्रेन लेट ही चली हैं. हाल के दिनों में तो ट्रेनों के नियत समय पर पहुंचने के मामले में 40 फीसदी की गिरावट आई है. लेटलतीफी से शर्मिंदा रेलवे ने ट्रेनों को समयबद्ध करने के लिए मई महीने में 15 दिन का अभियान चलाया. लेकिन ऐसा लगता है कि इसमें नाकाम रहने पर अब रेलवे बाजीगरी का सहारा ले रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार,  रेलवे ने एक साथ 185 ट्रेन के टाइमटेबल में बदलाव करने का निर्णय लिया है, ताकि उनका समय से पहुंचना सुनिश्चित किया जा सके.

दक्षिण रेलवे और उत्तर रेलवे ने अपनी ट्रेनों की टाइम को एक घंटा तक बढ़ा दिया है.  उत्तर रेलवे ने अपने 95 ट्रेनों के अराइवल टाइम में 30 से 60 फीसदी की बढ़त की है. उत्तर रेलवे में अंबाला, दिल्ली, फिरोजपुर, लखनऊ और मुरादाबाद डिवीजन आते हैं. इसी तरह छह रेलवे डिवीजन वाले दक्ष‍िण रेलवे ने 90 ट्रेनों की यात्रा का समय 30 घंटे से एक घंटे तक बढ़ा दिया है.

रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि देश भर में बड़े पैमाने पर हो रहे मरम्मत कार्य की वजह से ट्रेनें लेट हो रही हैं. इसलिए रेलवे ने ट्रेनों के अराइवल टाइम में बढ़त करने का निर्णय लिया है. आंकड़ों के अनुसार साल 2016-17 में रेलवे के 2,687 लोकेशन में 15 लाख से ज्यादा मेन्टेनेंस ब्लॉक थे, जबकि साल 2017-18 में 4,426 लोकेशन पर 18 लाख से ज्यादा मेन्टेनेंस ब्लॉक. खासकर सुपरफास्ट ट्रेनों पर इसका असर पड़ा है.

दक्ष‍िण रेलवे के महाप्रबंधक आरके कुलश्रेष्ठ ने अखबार से कहा, ‘यदि टाइमटेबल के मुताबिक किसी ट्रेन के पहुंचने का टाइम 8 बजे है और वह नियमित रूप से 9 बजे पहुंच रही है, तो इसका कोई मतलब नहीं है. इसलिए बेहतर यही है कि उसका आधिकारिक समय भी वही कर दिया जाए.’

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