2015 से ख़राब है बिहार AIIMS की स्थापना की तबियत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स https://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 18 Jul 2018 07:31:13 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 2015 से ख़राब है बिहार AIIMS की स्थापना की तबियत https://www.shauryatimes.com/news/6181 Wed, 18 Jul 2018 07:31:13 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=6181 नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 में बिहार में दूसरे ऑल इंडिया इस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) की स्थापना का एलान सूबे में स्वास्थ्य सुविधा को दुरुस्त करने के लिए किया था. आबादी दस करोड़ और 6,830 डॉक्टर मतलब 17,685 लोगों के हिस्से में एक डॉक्टर. इस लिहाज से ये कदम उठाया जाना लाजमी और क़ाबिले तारीफ था. भारत में 11,097 लोगों पर एक डॉक्टर मौजूद है 2015 से ख़राब है बिहार AIIMS की स्थापना की तबियत

एक (RTI) के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार बिहार में एक और AIIMS की स्थापना और इसके लिए जगह के चुनाव को लेकर 1 जून 2015 को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लिखी चिट्ठी में राज्य में दूसरे AIIMS की स्थापना के लिए उपयुक्त जगहों की पहचान का आग्रह किया. नड्डा ने लिखा कि संबंधित जमीन 200 एकड़ के करीब होनी चाहिए. साथ ही वहां सड़क से संपर्क की सुविधा और पानी की उपलब्धता होनी चाहिए. इस चिट्ठी के साथ जमीन का चुनाव करते हुए किन-किन मानकों को पूरा किए जाने की आवश्यकता है इस बात का जिक्र भी है.    

मगर इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दो रिमाइंडर भेजने पड़े. बिहार सरकार की ओर से जवाब में कहा गया कि वो केंद्र की ओर से उपयुक्त जगह चुन लिए जाने के बाद ही अपनी ओर से इस दिशा में कदम बढ़ाएगी. फिर एक जवाब केंद्र ने दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 8 दिसंबर 2016 को लिखा कि ‘नए AIIMS की स्थापना के लिए जमीन की पहचान करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है. राज्य सरकार की ओर से उपयुक्त जमीन के लिए 3-4 विकल्प सुझाना भी जरूरी है.’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक और चिट्ठी लिखकर कहा कि मूल चिट्ठी के फॉलो-अप में उनका मंत्रालय पांच रिमाइंडर भेज चुका है. 

नड्डा ने कहा, ‘बिहार ने बीते 10 साल में स्वास्थ्य के मोर्चे पर प्रशंसनीय प्रगति की है.’ ये बात दूसरी है कि नड्डा ये उल्लेख करना भूल गए कि राज्य में एक और AIIMS की स्थापना को संभव बनाने में बिहार सरकार नाकाम रही. मामला सवाल और जवाब में उलझा हुआ है और वक़्त 2015 से 2018  तक आ गया है. आम चुनाव सर पर है और सूबे में NDA को लेकर संचय जारी है 

]]>