
नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी-वी2.0) के दूसरे चरण के लिए मैसर्स टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत टाटा परियोजना की सेवा प्रदाता के रूप में कार्य करेगी।
समझौते के साथ परियोजना की सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त हुई टाटा
इस सम्बंध में विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि आज पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी-वी2.0) के दूसरे चरण के लिए हमारे महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में मैसर्स टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसके साथ ही उन्हें परियोजना के लिए सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त किया जाता है।
अपने बयान में मंत्रालय ने कहा पीएसपी-वी2.0, पीएसपी-वी1.0 का विस्तार है। यह एक ई-गवर्नेंस उपकरण है, जिसने नागरिकों को पासपोर्ट संबंधी सेवाओं के वितरण में अभूतपूर्व परिवर्तन की शुरुआत की। सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और प्रशिक्षित कार्यबल माध्यम से इसने आरामदायक वातावरण में नागरिकों को सुलभ, समय पर, पारदर्शी और विश्वसनीय मंच प्रदान किया है।
मंत्रालय ने कहा देश भर में पब्लिक डीलिंग कार्यालयों की संख्या में वृद्धि हुई है। मंत्रालय प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक सेवा केंद्र खोलने की दिशा में काम कर रहा है जहां कोई पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) या डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) नहीं है। आज की तारीख में 93 पासपोर्ट सेवा केंद्र, 428 पीओपीएसके और 36 पासपोर्ट कार्यालय चालू हैं। कार्यक्रम को हाल ही में वैश्विक पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (जीपीएसपी) के माध्यम से 176 से अधिक भारतीय मिशनों/केंद्रों से जोड़ा गया है, जो भारतीय डायस्पोरा को पासपोर्ट सेवाओं की निर्बाध डिलीवरी प्रदान करता है।
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