
भारतीय सेना ने भारतीय ड्रोन संघ के सहयोग से हाल ही में ‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’ कार्यक्रम शुरू किया है। रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए ये पहल की गई है। इस पहल का उद्देश्य भारतीय ड्रोन इकोसिस्टम को विकसित करना और उसे मजबूती म देना है ताकि अग्रिम पंक्ति ( फ्रंट लाइन ) के सैन्य-दल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अग्रणी ड्रोन क्षमताओं का विकास किया जा सके।
स्वदेशी ड्रोन इकोसिस्टम के लिए भारतीय सेना का समर्थन इस सिद्धांत पर आधारित है कि ‘स्वदेश में निर्मित उपलब्ध अच्छा’ ‘विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम’ से बेहतर है। हालांकि, रक्षा बलों द्वारा मांग की गई प्रौद्योगिकी में क्रमिक वृद्धि से पहले से बेहतर और अधिक सक्षम ड्रोन उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
हिम ड्रोन-ए-थॉन’ कार्यक्रम का पूरे भारत में उद्योग, शिक्षा जगत, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और ड्रोन उत्पाद निर्माताओं सहित सभी हितधारकों के बीच निरंतर जुड़ाव है।
ग़ौरतलब है कि भारत सरकार ने कृषि, स्वास्थ्य सेवा और कुछ अन्य क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग करने की अनुमति हाल के समय में दे दी है। जुलाई 2021 में जारी नई ड्रोन नीति के बाद ड्रोन कवरेज को 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है।
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