
उत्तर प्रदेश में ‘धान का कटोरा’ के नाम से मशहूर चंदौली जिले में अब इजराइल की मदद से आधुनिक तौर-तरीके से सब्जियों की खेती की कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए चंदौली में इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल बनाये जाने का निर्णय भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने किया है। इस सेन्टर का फायदा न सिर्फ चंदौली बल्कि मिर्जापुर, गाजीपुर और बनारस सहित आसपास के कई जिलों को होगा। इस सेंटर के जरिए किसानों को सब्जियों की पैदावार बढ़ाने में काफी लाभ मिलेगा। कृषि के आधुनिकतम तरीकों का प्रयोग कर किसान बेहतर उपज हासिल कर सकेंगे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 9 कृषि-जलवायु क्षेत्र हैं, जो वर्ष भर विभिन्न बागवानी फसलों की खेती के लिए अनुकूल रहते हैं। सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र में टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, मिर्च, खीरा व विदेशी सब्जियों का हाई टेक क्लाइमेट कंट्रोल्ड ग्रीन हाउस में सीडलिंग उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है।
इस लिहाज़ से उत्तर प्रदेश के चावल के कटोरे के रूप में पहचान रखने वाले चंदौली जिले की जलवायु सब्जियों के उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए उपयुक्त है।
भारत-इजरायल कार्य योजना (आईआईएपी) के तहत इजराइल अपने विशेषज्ञों के माध्यम से खेती में टेक्नोलॉजी को बढ़ा रहा है। कृषि क्षेत्र में उत्तर प्रदेश इजरायल साझेदारी दूरगामी परिणाम दे सकती है।
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