अंकारा/दमिश्क। तुर्किये और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भूकंप के पांचवें दिन भी (शुक्रवार) मलबे को खंगाला जा रहा है। लगातार शव निकल रहे हैं। तबाही का मंजर यह है कि कई शहरों सबकुछ खत्म हो चुका है। बावजूद लोगों को उम्मीद है मलबे के नीचे उनका कोई अपना जिंदा होगा। पल-पल टूटती आस के बीच दोनों देशों में अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। तुर्किये और सीरिया में बचाव और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।
भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर अंताक्या, सान्लिउर्फा और अलेप्पो हैं।दक्षिण मध्य तुर्की के अंताक्या शहर की आबादी करीब 2.50 लाख थी। इस शहर का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। पूर्व में सान्लिउर्फा का भी यही हाल है। इस शहर को सीरियाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता है।अलेप्पो शहर भी खंडहर बन चुका है।
अमेरिका ने की 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है। भारत ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया है। सेना, एयरफोर्स के जवान, एनडीआरएफ ऑर डॉक्टर्स की टीम तुर्किये में है। बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भी भेजी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी कह चुकै हैं कि भारत संकटग्रस्त सीरिया और तुर्किये की हर संभव मदद करेगा।
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