व्यूरो : हाल ही में केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने डिजिटल इंडिया अधिनियम के सिद्धांतों पर डिजिटल इंडिया संवाद का आयोजन किया। यह एक भविष्य के लिए तैयार कानून है जिसका उद्देश्य मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम को बदलना और नवाचार और विकास के लिए सक्षम वातावरण सुनिश्चित करते हुए डिजिटल नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी अवसंरचना प्रदान करना है।
इस बैठक में कहा गया है कि सुरक्षा और विश्वास डिजिटल इंडिया अधिनियम के केंद्र में होगा, और यह डिजिटल इंडिया अधिनियम में एक बड़ा वर्ग बनने जा रहा है। वैश्विक स्तर पर नियामकों द्वारा ऑनलाइन नुकसान से भी निपटा जा रहा है। भारत में जल्द ही 1.3 बिलियन लोग इंटरनेट का उपयोग करने वाले हैं और इन डिजिटल नागरिकों को बिना किसी डर और अविश्वास के इंटरनेट का उपयोग करना चाहिए, खासकर जब कई सरकारी सेवाएं भी इंटरनेट पर चलती हैं। एक सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट सभी हितधारकों के लिए फायदे का सौदा है। गलत सूचना और दुष्प्रचार का दुरुपयोग भी एक प्रमुख चिंता है, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) संचालित डीपफेक के अतिरिक्त उत्प्रेरक के साथ, जिसका समाधान निकालने की आवश्यकता है।
सत्र में उद्योग संघों, स्टार्टअप्स, सूचना पेशेवरों, थिंक टैंक और वकीलों सहित प्रौद्योगिकी ईकोसिस्टम के विविध हितधारकों ने भाग लिया। लगभग 300 हितधारकों ने परामर्श में भाग लिया, जिसमें 125 लोग व्यक्तिगत रूप से और 175 वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। इसी तरह की बातचीत इस साल मार्च में बेंगलुरु में आयोजित की गई थी।
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