अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में गूगल को लेकर इस मामले में बड़ी टिप्पणी की है.
ट्रंप का आरोप है कि पेनसिल्वेनिया में 13 जुलाई को एक चुनावी रैली के दौरान उन पर हुए जानलेवा हमले को लेकर गूगल ने किसी तरह की तस्वीर और अन्य सामग्री को दिखाया नहीं है. लोगो द्वारा इसे खोजना असंभव है. हालांकि, गूगल ने पूर्व राष्ट्रपति के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया.
बीते दिनों कंपनी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि सर्च इंजन चुनिंदा शब्दों को ‘सेंसर’ कर रहा है या उन पर ‘प्रतिबंध’ लगा रहा है, ऐसा बिल्कुल नही है. हम ये स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि ये पोस्ट हमारे ‘ऑटोकंप्लीट’ फीचस से जुड़ा हुआ है. ये आपका समय बचाने के साथ आपके मन में चल रहे सवालों को लेकर अंदाजा लगाता है.
नए फीचर जारी किए गए हैं: गूगल
गूगल ने स्पष्ट किया था कि ‘ऑटोकंप्लीट’ पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले से जुड़े सवालों के संबंध में किसी तरह का कोई अंदाजा नहीं लगा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसमें राजनीतिक हिंसा से जुड़ी सामग्री को छांटने की व्यवस्था पहले से ही है. कंपनी का कहना है पेनसिल्वेनिया में हुए ट्रंप पर हुए भयावह हमले के बाद इससे जुड़े संभावित सवाल ‘सर्च’ के विकल्प में दिखने चाहिए थे. मगर ऐसा नहीं हुआ. गूगल का कहना था इस समस्या को जानने के बाद उसने सुधार की दिशा में काम किया है. इसके लिए नए फीचर जारी किए गए हैं.
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