रूस की सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब कर्मचारियों को काम के ब्रेक के दौरान यौन संबंध बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. इसका लक्ष्य देश में प्रजनन दर को बढ़ाना है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने कहा, ‘रूसी लोगों का संरक्षण हमारी सर्वोच्च राष्ट्रीय प्राथमिकता है. रूस का भाग्य…इस पर निर्भर करता है कि वहां हममें से कितने लोग होंगे. रूसी राष्ट्रपति ने कहा,’यह राष्ट्रीय महत्व का सवाल है.’ रूस को लगातार जनसंख्या में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. यूक्रेन में चल रहे संघर्ष की वजह से दस लाख से अधिक युवा नागरिकों की दर काफी कम हो गई है. ऐसे में पुतिन ने स्पष्ट कर दिया है कि जनसंख्या में गिरावट को पलटना सबसे बड़ी प्राथमिकता हो गई है.
ब्रेक के दौरान भी बच्चे पैदा कर सकते हैं: स्वास्थ्य मंत्री
रूस के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.येवगेनी शस्तोपालोव नई नीति का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चे न होने की बड़ी वजह व्यस्त कार्य शेड्यूल है. आप ब्रेक के दौरान भी बच्चे पैदा कर सकते हैं. उनसे जब ये पूछा गया कि लंबे समय तक काम करने वाले लोग कैसे प्रबंधन कर सकते हैंं, तो उन्होंने ये जवाब दिया. यह नीति जन्म दर के बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है.
सरकार गर्भपात तक पहुंच को कठिन बना रही
सरकार गर्भपात तक पहुंच को कठिन बना रही
सरकार गर्भपात तक पहुंच को कठिन बना रही है. तलाक की फीस बढ़ा रही है, सार्वजनिक हस्तियां और चर्च नेता राष्ट्रीय कर्तव्य के रूप में उच्च जन्म दर की वकालत कर रहे हैं. अन्ना कुज़नेत्सोवा और ज़न्ना रयाबत्सेवा जैसे बड़े राजनेता महिलाओं से कम उम्र में बच्चे पैदा करने का आह्वान कर रहे हैं. उनका सुझाव है कि जल्द बच्चे पैदा करने से बड़े परिवार बन सकता है.
राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी सेना के बड़े विस्तार का भी आदेश दिया है. योजना में सैनिकों की संख्या 180,000 तक बढ़ाने का आह्वान किया गया है. इससे कुल बल 2.38 मिलियन तक होगा. इसमें 15 लाख सक्रिय कर्मी होंगे. इस तरह से रूस की सेना चीन के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना होगी. यह विस्तार 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण की शुरुआत के बाद से सैन्य कर्मियों में पिछली बढ़ोतरी के बाद होगा.
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