दुर्दांत नक्सली हिड़मा के इलाके में पहली बार ग्रामीणाें ने जवानाें संग किया योगाभ्यास

जगदलपुर : दक्षिण बस्तर के अतिसंवेदशील इलाके के पहाड़ी में जवान और ग्रामीणाें ने मिलकर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में नक्सली दहशत को पीछे छोड़ते हुए खुले मन से रविवार काे पहली बार दुर्दांत नक्सली हिड़मा के गृहग्राम पूवर्ति, सिलगेर और टेकलगुड़ेम इलाके में सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाबलों के लिए योग न केवल मानसिक शांति और तनाव मुक्ति का माध्यम है, बल्कि यह उनकी शारीरिक फिटनेस को भी सशक्त बनाता है।

जवानों ने कहा कि योग उनकी ड्यूटी में संतुलन बनाए रखने और मनोबल बढ़ाने में मदद करता है। 150वीं बटालियन के कमांडेंट राकेश शुक्ला ने बताया कि पहली बार ग्रामीण परिवार को खुशहाल देखा। ग्रामीण देवाराम ने बताया कि पूरे इलाके में पहली बार योग को जाना और देखा क्योंकि इलाके में अब नक्सली दहशत नहीं है, बच्चे स्कुल जा रहे हैं, और पूरा गांव मुख्य धारा से जुड़ रहा है। सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दुर्दांत नक्सली हिड़मा के गृहग्राम पूवर्ति, सिलगेर और टेकलगुड़ेम स्थित सीआरपीएफ कैंपों में जवानों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया वही सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित जवानों संग ग्रामीणों ने योग किया।

बताया कि तुमालपाड़ की पहाड़ी जहां जवानाें ने ग्रामीणाें के साथ याेग किया, ग्रामीणों ने पहली बार जाना कि योग क्या हाेता है। बताया कि विषम परिस्थितियों में नक्सलियों के कोर क्षेत्र में तैनात जवानों के संग मिलकर जिस जगह पर योग किया गया वहां ना सड़क है, ना ही बिजली। ऐसे जगहों पर जवानों ने बताया कि अपने आप को स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए वरदान योग है। वही ग्रामीणों में योग के बाद खुशी का माहौल देखा गया। जवानों ने सुबह के समय योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास कर तन-मन को स्वस्थ रखने का संदेश दिया। योगा अभ्यास के साथ जवानों को इसके महत्व और लाभों की भी जानकारी दी गई।——-

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com