लंदन : ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित इंडिया हाउस में मंगलवार को आयोजित ‘भारत समुद्री निवेश सम्मेलन 2025’ के दौरान भारत के समुद्री क्षेत्र में हो रहे रणनीतिक विकास और अवसरों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया गया और वैश्विक निवेशकों से इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया गया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में जहाज़रानी महानिदेशालय के मुख्य जहाज़ सर्वेक्षक (स्वतंत्र प्रभार) प्रदीप सुधाकर ने भारत सरकार की समुद्री परिवहन से जुड़ी पहलों, जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति (एसबीएफएपी)2.0 के तहत किए जा रहे कामों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भारत टिकाऊ जहाज निर्माण और पर्यावरण के अनुकूल जहाज रिसाइकिलिंग में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। यह जानकारी केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के आधिकारिक एक्सहैंडल पर साझा की गई।
सम्मेलन के दौरान श्री सुधाकर ने बताया कि भारत की नई समुद्री नीति देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में देश को मजबूत बनाने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि एसबीएफएपी 2.0 नीति के माध्यम से भारत सरकार जहाज निर्माण उद्योग को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिससे घरेलू शिपयार्ड्स को प्रोत्साहन मिल रहा है और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने नीति के तहत किए गए नीतिगत सुधारों, क्षमता निर्माण और आधुनिक तकनीकों के उपयोग की जानकारी देते हुए कहा कि इन पहलों का लक्ष्य न केवल देश की समुद्री क्षमता को सशक्त बनाना है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाना है।
इस अवसर पर उन्होंने भारत को एक भरोसेमंद निवेश गंतव्य बताते हुए वैश्विक निवेशकों को भारतीय समुद्री क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
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