मोदी ने नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित, कहा- अपनी संस्कृति और गरिमा के साथ पाई जा सकती है सफलता

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए भारत के संविधान को लोकतंत्र की असली ताकत बताया। साथ ही संदेश दिया कि अपनी संस्कृति और गरिमा के साथ सफलता पाई जा सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत-नामीबिया द्विपक्षीय व्यापार 80 करोड़ डॉलर पार कर चुका है। उन्होंने इसे ‘क्रिकेट मैच की शुरुआत’ बताया और कहा कि अब तेजी से स्कोरिंग होगी। भारत द्वारा स्थापित उद्यमिता विकास केंद्र नामीबियाई युवाओं के लिए नवाचार और सहयोग का केंद्र बनेगा।

उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपने विकास की दिशा तय कर रहा है, बल्कि ग्लोबल साउथ के सपनों को भी दिशा दे रहा है। भारत का संदेश है – अपनी संस्कृति और गरिमा के साथ सफलता पाई जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अफ्रीका में विकास भागीदारी 12 अरब डॉलर से अधिक की है, लेकिन इसकी असली ताकत साझा विकास और साझा उद्देश्य में निहित है।

प्रधानमंत्री ने नामीबिया के स्वतंत्रता संग्राम में भारत की भूमिका को याद करते हुए बताया कि भारत ने स्वात अफ्रीका के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में तब उठाया, जब वह स्वयं स्वतंत्र नहीं था। भारत ने आंदोलन का समर्थन किया और नामीबिया में भारत की पहली विदेश-स्थित राजनयिक इकाई खोली।

प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया में भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई के लॉन्च की घोषणा करते हुए कहा कि यह सेवा जल्द ही शुरू होगी, जिससे पैसे का लेनदेन ‘टांगी उनेने’ (बहुत धन्यवाद) बोलने से भी तेज हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत नामीबिया को भाभाट्रॉन रेडियोथेरेपी मशीन देने जा रहा है, जिससे कैंसर के इलाज में मदद मिलेगी। उन्होंने जनऔषधि योजना से नामीबिया को जोड़ने का न्योता दिया, जिससे सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

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