नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और इसकी समूह की कंपनियों की लगभग 681.54 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को अस्थायी रूप से जब्त किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत यह कार्रवाई की है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय की टीम ने विभिन्न परियोजनाओं में कई घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के एक मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मेसर्स रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और उसकी समूह कंपनियों की 681.54 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त की है।
ईडी के मुताबिक कुर्क की गई संपत्तियों में रामप्रस्थ सिटी की 226 एकड़ की दो प्लॉटेड कॉलोनियां और गुरुग्राम, हरियाणा में और उसके आसपास स्थित लगभग 1700 एकड़ के भूखंड शामिल हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक अटैच की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में फैली करीब दो कॉलोनियां और गांव बसई, गदौली कलां, हयातपुर और वाजीरपुर में मौजूद जमीन शामिल है। कंपनी पर आरोप है कि उसने गुरुग्राम में चल रहे कई प्रोजेक्ट्स में हजारों घर खरीदारों से ठगी की है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने यह जांच दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की। एजेंसी के मुताबिक शिकायतें थीं कि मेसर्स रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटर अरविंद वालिया, बलवंत चौधरी सिंह और संदीप यादव ने लोगों से पैसे तो ले लिए लेकिन सालों बाद भी न तो फ्लैट दिए और न ही प्लॉट्स।
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