वॉशिंगटन : अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन एक नई डिजिटल स्वास्थ्य पहल शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत लाखों अमेरिकी नागरिकों को अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य जानकारी और मेडिकल रिकॉर्ड मोबाइल ऐप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह व्यवस्था निजी टेक कंपनियों के सहयोग से विकसित की जा रही है, जिसमें गूगल, अमेजन जैसी दिग्गज कंपनियों और क्लिवलैंड क्लिनिक जैसे प्रमुख अस्पताल समूहों की भागीदारी है।
व्हाइट हाउस में बुधवार को इस नई योजना पर चर्चा के लिए 60 से अधिक कंपनियों और स्वास्थ्य संस्थानों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। प्रशासन इस पहल को “डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम” नाम दे रहा है, जिसका उद्देश्य अमेरिका में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक विस्तार करना है।
नई प्रणाली विशेष रूप से डायबिटीज नियंत्रण, वजन प्रबंधन, और संवादी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर केंद्रित होगी, जो मरीजों को परामर्श और संवाद में मदद करेगी। इसके अलावा, क्यूआर कोड और ऐप-आधारित सिस्टम से मरीजों की जांच प्रक्रिया, दवा ट्रैकिंग और अस्पताल रजिस्ट्रेशन को और अधिक आसान बनाया जाएगा।
हालांकि इस पहल को आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, लेकिन इसके साथ डेटा गोपनीयता को लेकर चिंताएं भी सामने आई हैं। आलोचकों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन पहले भी अमेरिकी नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी साझा करने को लेकर विवादों में रहा है, ऐसे में यह योजना मरीजों की निजता के लिए खतरा बन सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्वास्थ्य डेटा के संग्रह और उपयोग में पारदर्शिता और सुरक्षा नहीं बरती गई, तो यह मरीजों के अधिकारों का हनन हो सकता है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि यह पहल चिकित्सा क्षेत्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाएगी और आम नागरिकों को तेजी से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
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