जीएसटी काउंसिल की बैठक में हाल ही में एक बड़ा फैसला हुआ है. सरकार ने पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब को ही बरकरार रखा गया है. सरकार के इस फैसले से रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजें सस्ती होने वाली हैं, जिससे लोगों को राहत मिलेगी.
विपक्ष गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की
मामले में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान, उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों सहित सभी राज्य जीएसटी स्लैब तय करने और सुधार लागू करने के लिए एकसाथ आए. साल 2017 से 2024-25 तक जब भी संभव हुआ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय-समय पर दरों में कमी की. विपक्ष ने बेतुके आरोप लगाए. उन्होंने झूठे आरोप लगाए. लोगों के बीच, उन्होंने गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की. हालांकि, 2014 से पहले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कागजी कार्रवाई और करों का बोझ 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से लगातार कम हो रहा है. ये टैक्स सुधार समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित करेंगे.
वाजपेयी ने की थी कल्पना
गोयल ने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही एक जमाने में एकीकृत कर प्रणाली की कल्पना की थी. लेकिन यूपीए सरकार आई तो बिना कार्रवाई के ही वे वादे करते रहेंगे. राज्य सरकार को उन पर कोई भरोसा नहीं है.
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